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गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को राष्ट्रीय स्तर पर मिली नई पहचान
17-Nov-2025 4:34 PM
गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को राष्ट्रीय स्तर पर मिली नई पहचान

मनेंद्रगढ़ डीएफओ  च्च्हृद्ग3ह्वह्य शद्घ त्रशशस्रज्ज् अवॉर्ड्स से सम्मानित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेंद्रगढ़ /रायुपर, 17 नवम्बर।  गौरव का क्षण तब बना जब वनमंडलाधिकारी मनेंद्रगढ़ मनीष कश्यप को हृद्ग3ह्वह्य शद्घ त्रशशस्र स्नशह्वठ्ठस्रड्डह्लद्बशठ्ठ ्र2ड्डह्म्स्रह्य  2025  से दिल्ली में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें एशिया के सबसे बड़े और 29 करोड़ वर्ष पुराने गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को विकसित कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रदान किया गया। पर्यावरण संरक्षण श्रेणी में चुनिंदा नवीनतम कार्यों के बीच उनका नवाचार विशेष रूप से सराहा गया।

 हृद्ग3ह्वह्य शद्घ त्रशशस्र स्नशह्वठ्ठस्रड्डह्लद्बशठ्ठ, जो देशभर के सेवारत एवं सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों  की संस्था है, समाज में किए जा रहे नवाचारी कार्यों को पहचान और प्रोत्साहन देने का कार्य करती है। इस वर्ष अवॉर्ड्स के लिए कुल 150 नवाचार कार्यों के आवेदन आए, जिनमें से 26 श्रेष्ठ कार्यों को चयनित किया गया। चयन प्रक्रिया यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की गई। समारोह में भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी बी.के. चतुर्वेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब डीएफओ मनीष कश्यप को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। इससे पूर्व वर्ष 2024 में उनके नवाचार ‘महुआ बचाओ अभियान’, जिसके तहत घटती महुआ संख्या को पुनर्जीवित करने की पहल की गई, को भी राष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त हुई थी।

 

गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्कर- एशिया का अनोखा प्राकृतिक धरोहर स्थल

 मनेंद्रगढ़ में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क एशिया का सबसे बड़ा मरीन फॉसिल साइट है। भारत में ऐसे केवल पांच स्थान हैं, जहां मरीन फॉसिल पाए जाते हैं। इसकी खोज वर्ष 1954 में हुई थी, लेकिन यह अद्भुत प्राकृतिक धरोहर एक लंबे समय तक पर्यटन मानचित्र पर पहचान नहीं बना पाई। वन विभाग के नेतृत्व में हाल के वर्षों में इसे वैज्ञानिक संरक्षण और आकर्षक स्वरूप देकर नया जीवन मिला है। प्राकृतिक रूप से मौजूद विशाल ग्रेनाइट चट्टानों पर पुरातन जीवों और डायनासोर प्रजाति सहित 35 जीवों की मूर्तियां उकेरी गई, जो पर्यटकों को आदिकालीन इतिहास का प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं।

  पार्क में विकसित कैक्टस गार्डन, आधुनिक इंटरप्रिटेशन सेंटर और हसदेव नदी में शुरू की गई बोटिंग सुविधा ने इसे पर्यटन की दृष्टि से और भी आकर्षक बना दिया है। अप्रैल 2025 में उद्घाटन के बाद अब तक 13,000 से अधिक पर्यटक इस स्थल का भ्रमण कर चुके हैं। मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में सैलानी यहां आ रहे हैं, जिससे यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में पर्यटन संख्या और तेजी से बढ़ेगी।

सरगुजा संभाग में अब तक पर्यटक मुख्य रूप से मैनपाट की ओर आकर्षित होते थे, लेकिन अब गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क तेजी से उभरता हुआ नया पसंदीदा पर्यटन स्थल बन रहा है। यह न केवल मनेंद्रगढ़ जिले की पहचान बढ़ा रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र में इको-टूरिज्म की संभावनाओं को मजबूत कर रहा है।

इस उपलब्धि ने मनेंद्रगढ़ को राष्ट्रीय मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाया है और डीएफओ मनीष कश्यप का योगदान पर्यावरण संरक्षण और नवाचार प्रबंधन की दिशा में प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।


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