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नपं झगराखंड और नई लेदरी में कर्मियों को 4 माह से वेतन के लाले
03-May-2025 8:36 PM
नपं झगराखंड और नई लेदरी में कर्मियों को 4 माह से वेतन के लाले

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 3 मई। वर्ष 2025 को आरंभ हुए 4 माह बीत चुके हैं, लेकिन मनेंद्रगढ़ जिले के 2 निकायों नगर पंचायत झगराखंड और नई लेदरी में कर्मचारियों को इस वर्ष अभी तक एक माह का भी वेतन भुगतान नहीं किया गया है। चार माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है। दो मई को कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम मनेंद्रगढ़ को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र वेतन भुगतान किए जाने की गुहार लगाई है।

नवयुक्त अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ के संभागीय अध्यक्ष संजय पांडेय, जिला महामंत्री अविनाश जायसवाल, तरंग मिततल, आकाश केशरवानी,जगबीर मिंज, निर्मला उपाध्याय, राकेश कुमार, रमाकांत साहू, गौतम, सोहन एवं सरोज सिंह आदि ने एसडीएम को सौंपे संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा कि जिले के नगर पंचायत झगराखंड एवं नई लेदरी में 4 माह से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। घर चलाने से लेकर बच्चों की पढ़ाई तथा बीमारी में दवा एवं इलाज के लिए भी कर्मचारी परेशानियों से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इस कार्यावधि में नगरीय निकाय का पूरा चुनाव उनके द्वारा संपन्न कराया गया है, वहीं कार्यालयीन कार्य के साथ शासन की विभिन्न योजनाओं का कार्य भी लिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में 4 माह से वेतन प्राप्त नहीं होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। नगर पंचायत झगराखंड और नई लेदरी नगर पंचायत के कर्मचारियों ने विगत 4 माह का वेतन अविलंब भुगतान कराए जाने की मांग की है।

कर्मचारियों से काम समय पर और

वेतन के लिए समय दरकिनार

जिले की नगर पंचायत झगराखंड में नियमित 10 एवं 17 प्लेसमेंट कर्मचारी हैं, वहीं नई लेदरी में नियमित 5 व प्लेसमेंट कर्मचारियों की संख्या 23 है।

दोनों निकायों के कर्मचारियों की कुल संख्या 55 है। सभी कर्मचारियों को पिछले 4 माह से वेतन के लाले पड़े हुए हैं।  कर्मचारियों का कहना है कि नियमित एवं समय पर वेतन भुगतान की एक सूत्रीय मांग को लेकर निकाय के कर्मचारी कई बार अपनी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन को इनसे समय पर काम लेना आता है और बात जब उनके वेतन भुगतान की आती है तो समय को दरकिनार कर कई महीनों तक उन्हें वेतन के लिए लटका दिया जाता है।

 कर्मचारियों का कहना है कि शासन को इस पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है, क्योंकि कर्मचारियों के वेतन से ही उनका परिवार चलता है।


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