मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 28 दिसम्बर। जिले के ओबीसी वर्ग के लोगों ने एकजुट होकर कहा कि ओबीसी वर्ग के लिए अब आरक्षण की लड़ाई लड़ी जाएगी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है उसमे ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया गया है।
जिलाध्यक्ष ओबीसी महासभा रामनरेश पटेल ने कहा कि ओबीसी का आरक्षण विलोपित किया गया है जिससे हम सब आक्रोशित है। सरकार हमारा आरक्षण बहाल करे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के सरगुजा एवं बस्तर संभाग के सभी जिलों में 5वीं अनुसूची लागू है, जिसके कारण इन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129 (ड.) के तहत एसटी वर्ग के लिए सरपंच या अध्यक्ष के समस्त पद एसटी वर्ग के सदस्यों के लिए आरक्षित रहेंगे। एसटी वर्ग के लिए आरक्षण स्थानों की कुल संख्या से आधे से कम नहीं होगी।
इसी धारा के उपधारा (03) में स्पष्ट प्रावधान है कि अधिसूचित क्षेत्रों के पंचायतों में भी ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण रहेगा, लेकिन एसटी, एससी एवं ओबीसी का कुल मिलाकर आरक्षण 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। जिलाध्यक्ष पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश 2024 में उपरोक्त मूल अधिनियम की धारा 129 (ड.) की उपधारा (03) को लोप कर दिया गया है, जिसके कारण अधिसूचित क्षेत्रों में भी ओबीसी वर्ग को मिलने वाली आरक्षण की पात्रता समाप्त (शून्य) हो गई है। इस प्रकार इन क्षेत्रों में निवासरत ओबीसी वर्ग के मौलिक अधिकारों का हनन कर हमारे साथ घोर अन्याय एवं छल किया गया है।
बैठक में ओबीसी महासभा द्वारा 28 दिसंबर को भरतपुर ब्लॉक एवं 29 दिसंबर को जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में धरना प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उपस्थित सभी जनों ने ओबीसी वर्गों को नगरीय निकायों एवं पंचायतों में मिलने वाले आरक्षण को बहाल किए जाने की मांग की। बैठक में हंसनारायण सिंह, रमेश यादव, मनोज चक्रधारी, दिलीप पंत, राम बसंत, गोपी राय, नसीम अंसारी, मो. रहमतुल्लाह सहित बड़ी संख्या में ओबीसी महासभा वर्ग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।


