मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 दिसम्बर। एमसीबी जिला अंतर्गत जनपद पंचायत भरतपुर की जनपद सदस्य रामवती सिंह ने कलेक्टर को ग्रामीणों का संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपकर जिला अस्पताल जनकपुर और मनेंद्रगढ़ के बीच बनाने की मांग की है।
जनपद सदस्य रामवती सहित चंद्रभान बैगा, दीपचंद्र यादव, राधेश्याम यादव, अरूण कुमार, रामप्रसाद, पवन सिंह, शिवम सिंह, चंद्रभान सिंह, मानिक सिंह, दया राम, रवि यादव, शैलेष कुमार मिश्रा, दीपेंद्र सिंह, अशोक, अंकुर, दिलबहादुर सिंह एवं अंकित मिश्रा आदि ग्रामीणों ने अपने संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा है कि एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भरतपुर-सोनहत विधानसभा अंतर्गत चांगभखार की दूरी जिला मुख्यालय से 150 किमी है। जिला अस्पताल को चिरमिरी के आसपास बनाना अनुचित है, क्योंकि इसकी दूरी चांगभखार से और भी अधिक हो जाएगी और कोई भी बस सेवा चिरमिरी के लिए चांगभखार से नहीं है। साथ ही राजस्व भूमि का भी अभाव है। ग्रामीणों ने कहा कि चिरमिरी की भौगोलिक स्थिति भी जिला चिकित्सालय बनाए जाने के लिए उपयुक्त नहीं है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से जला चिकित्सालय को मनेंद्रगढ़ और भरतपुर के बीच बनाने की पुरजोर तरीके से मांग की है, ताकि जिलावासियों को आसानी और सुगमता से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
क्षेत्रवासी इलाज के लिए पड़ोसी राज्य पर निर्भर जनपद सदस्य रामवती ने कहा कि जिले के भरतपुर विकासखंड के लोग जितनी दूरी तय कर जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ पहुंचते हैं उतनी ही दूरी उन्हें पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के शहडोल के लिए तय करनी पड़ती है, लेकिन शहडोल में उन्हें मेडिकल कॉलेज होने के साथ ही कई बड़े अस्पताल होने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता है, इसलिए यहां के ज्यादातर लोग इलाज के लिए शहडोल पर ही पूरी तरह निर्भर हैं। वहीं अब चिरमिरी में जिला अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है जिससे यहां के लोगों को लंबी दूरी होने की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ बिल्कुल भी नसीब नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बुनियादी सुविधाओं की श्रेणी में आता है, इसलिए शासन-प्रशासन को गंभीरता से इस पर विचार किए जाने की जरूरत है।