मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 अगस्त। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ सरिता दास की अदालत ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर लगातार उसके साथ रेप किए जाने के जुर्म में अभियुक्त के दोषसिद्ध पाए जाने पर उसे 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून 2022 को पीडि़ता ने मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि 20 मार्च 2020 को अपनी सहेली के घर मेंहदी लगाने गई थी जहां अभियुक्त शमी अख्तर उर्फ चांद के द्वारा उसके साथ रेप किया गया। पीडि़ता जब शोर मचाने लगी तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगा और उसका फोटो भी खींच लिया तथा फोटो वायरल करने की धमकी देकर उसे अपने घर में बुलाकर लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। वहीं अभियुक्त ने मोबाइल खरीदने के नाम पर पीडि़ता से 40 हजार रूपए भी ले लिए इसके बाद वह पीडि़ता को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप करता रहा। पीडि़ता की रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत मनेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायाधीश ने मनेंद्रगढ़ थानांतर्गत निवासी अभियुक्त 20 वर्षीय शमी अख्तर उर्फ चांद के दोषसिद्ध पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अपराध में क्रमश: 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा दोनों ही धाराओं में 1-1 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को दोनों ही धाराओं में 2-2 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।


