मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
हर्षोल्लास से मनाया सशस्त्र सेना झंडा दिवस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 8 दिसम्बर। सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारतीय सेना की बहादुरी, त्याग व समर्पण के सम्मान में एवं वीर शहीदों की स्मृति में 7 दिसंबर को कलेक्टोरेट में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर रणजीत सिंह बिष्ट द्वारा डिप्टी कलेक्टर प्रवीण कुमार भगत तथा अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों एवं आम नागरिकों को सशस्त्र सेना ध्वज प्रतीक लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अशोक कोस्टा ने सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हेतु शहीद सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिकों एवं सेना में सेवारत सैनिकों और उनके आश्रितों के पुनर्वास तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक से अधिक दान देकर इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता प्रदान करें। वहीं डिप्टी कलेक्टर प्रवीण भगत ने इस नेक पहल में उदारता एवं मुक्त हस्त से सहयोग प्रदान कर अनुग्रहित करने का आग्रह आम नागरिकों से किया।
कमांडर रणजीत सिंह बिष्ट ने पावर पॉइंट स्लाइड के माध्यम से सशस्त्र सेना झंडा दिवस के महत्व एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झंडा दिवस का अत्यधिक महत्व इसलिए भी है, क्योंकि वास्तव में हमारे देश की सुरक्षा के लिये शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों और उनके आश्रितों की देखभाल करना देश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस हम सभी के लिए देश की पराक्रमी एवं समर्पित सेना के वीर जवानों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है।
इस अवसर पर झंडा दिवस निधि में हर नागरिक को बढ़-चढक़र योगदान देना चाहिए। झंडा दिवस पर एकत्रित की गई राशि का उपयोग वीर नारियों, भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं आर्थिक सहायता के लिए किया जाता है।
कमांडर बिष्ट ने सभी सेवारत् सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों को झंडा दिवस की बधाई दी और सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में उदारतापूर्वक दान करने की अपील की।
भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान
सर्वप्रथम नायक चिंतामणी का सम्मान किया गया। वे वर्ष 1963 में भारतीय थल सेना में भर्ती हुए तथा वर्ष 1965 एवं 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में सक्रिय रूप से थल सेना मेडिकल कोर के तहत अपनी सेवाएं दी। विषम परिस्थितिओं एवं दुर्गम क्षेत्रों में अनवरत 20 वर्ष की सेवा उपरांत वर्ष 1983 में सेवानिवृत हो अपने गृह ग्राम मनेंद्रगढ़ में निवासरत हैं। राज्य सरकार ने उनकी सेवाओं को तथा 80 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए सम्मान राशि 30 हजार रूपए गत माह प्रदान किया।
सैन्य सेवा भाव के प्रतिफल उनका सादर सम्मान किया गया। इसी कड़ी में पूर्व में नायब सुबेदार गिरीश चंद्र सरकार का सम्मान किया गया। वर्ष 1970 में भारतीय थल सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए गिरीश चंद्र वर्ष 1971 के भारत-
पाकिस्तान युद्ध में सक्रिय रूप से तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पदस्थ रहे। 26 वर्ष की अनवरत सेवा के दौरान वे भारतीय सीमा क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं देकर वर्ष 1996 में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनकी सैन्य सेवा के प्रतिफल उनका भी सादर सम्मान किया गया। डिप्टी कलेक्टर प्रवीण भगत ने सैनिक कल्याण बोर्ड का आभार व्यक्त किया साथ ही अशोक कोस्टा ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर उपस्थित मुख्य अतिथि, अधिकारी, पूर्व सैनिक, परिजनों सहित पावन अवसर पर उपस्थित सभी जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।


