मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 27 नवंबर। भारत का संविधान देश की शासन व्यवस्था का आधार और पथ प्रदर्शक होने के साथ ही विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। यह दुनिया की सर्वाधिक आबादी की अभिलाषाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही देश की अनूठी सांस्कृतिक विविधताओं को भी प्रतिबिंबित करता है।
उक्त बातें शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी में राजनीति शास्त्र विभाग और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राम किंकर पाण्डेय ने कहीं। इससे पहले उन्होंने उपस्थित छात्र छात्राओं और प्राध्यापकों को संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया।
इस अवसर पर छात्र छात्राओं के बीच भारतीय संविधान व राजव्यवस्था पर प्रश्न मंच व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं द्वारा अपनी सहभागिता दर्ज कराते हुए, संविधान के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बातें रखी गईं, तो दूसरी तरफ प्रश्न मंच प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने उत्साह के साथ भाग लिया।
भाषण प्रतियोगिता में शेख मुस्कान,सुनील, सिद्धार्थ जायसवाल, निधि, गुलफसा, सनोज, ज्योति, आशीष, विनोद, अरविंद, नैना और वंशिका ने भाग लिया जिसमें प्रथम स्थान सिद्धार्थ, द्वितीय स्थान शेख मुस्कान, और तृतीय स्थान आशीष को मिला। इसी तरह प्रश्न मंच प्रतियोगिता में सनोज, सिद्धार्थ सुनील, अंजना, संजय,धर्मेन्द्र जगेश्वर,संगीता, कविता, वंशिका, चंद्रकांता, अनारकली, प्रियंका, संगीता, ज्योति, कीर्ति, भावना, आदि ने भाग लिया जिसमें प्रथम स्थान सनोज, द्वितीय स्थान सिद्धार्थ और तृतीय स्थान चंद्रकांता को मिला।
कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए और संचालन करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग से डॉ.उमाशंकर मिश्र ने संविधान की अवधारणा व इतिहास पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माण की लंबी यात्रा रही है।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी विरेन्द्र कुमार, अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रजनी सेठिया, भौतिक शास्त्र विभाग के सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी, भूगर्भ शास्त्र विभाग से जय सिंह सारस्वत, भूगोल विभाग से डॉ.प्रदीप सिंह , वाणिज्य विभाग से प्रेमा कुजूर, विभागों के अतिथि व्याख्याता डॉ. राम नारायण पनिका, अनुराधा सहारिया आदि उपस्थित रहे।


