मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
परिजनों की अंत्येष्टि को छोडक़र दिया वोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दन्तेवाड़ा, 10 नवंबर। दुख की विकट घड़ी भी दो परिवारों को लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने से नहीं रोक पाई और इन परिवारों ने विषम पारिवारिक दुखद क्षण में भी एक नागरिक और एक आदर्श मतदाता होने का सराहनीय दायित्व निभाया।
दरअसल, 4 नवंबर को जिला अस्पताल में एक मां ने दो बच्चे को जन्म दिया, जिसमें एक बच्चे की मृत्यु जन्मोपरांत हो गई थी। इसके बाद एक बच्चे की स्थिति को देखते हुए जगदलपुर रेफर किया गया। बच्चा जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा था, इस विकट परिस्थिति में फंसकर भी लोकतंत्र के इस महापर्व में दोनों पति-पत्नी भगवत प्रसाद सलामे, टुकेश्वरी सलामें मतदान प्रक्रिया में शामिल हुए और मतदान केंद्र 98 दंतेवाड़ा-2 में अपना मत का प्रयोग किया और वापस लौटकर अपने बच्चों का अंतिम संस्कार किया।
वहीं एक और परिवार ने मतदान दिवस के दिन दुखद घडिय़ों में भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिले के मोहम्मद सोहेल खान एवं मोहम्मद सरफराज खान के परिवार में पिता आई. ए. खान का निधन जिला अस्पताल दन्तेवाड़ा में 4 नवंबर को हो गया था एवं 5 नवंबर को अंतिम संस्कार करने के बाद 7 नवंबर को मतदान करने आये।
उपरोक्त दोनों परिवारों के परिजनों का धैर्य और मानसिक संबल वास्तव में प्रेरणादायक और अभूतपूर्व है, और इससे अन्य मतदाताओं को भी प्रेरणा मिलेगी। इन दो परिवारों ने कठोर मानसिक आघात के पश्चात भी अपना नागरिक कर्तव्यों का पालन करना नहीं भूला और पहले अपना वोट डाला, जिसके कारण चुनाव आयोग ने उसकी विशेष तौर पर सराहना करते हुए ‘‘आभार पत्र’’ प्रदान कर आभार व्यक्त किया है।


