मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
मन को नियंत्रित करने में योग सर्वोत्तम साधन-संजय गिरि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 25 सितम्बर। विश्व- विधाता परमेश्वर ने जिस तत्व से इस ब्रम्हाण्ड की रचना की, उसी मूलतत्व से सारा संसार उत्पन्न होता है। मूलतत्व के साथ उस चैतन्य (आत्मा) का जो संपर्क होता है, वह संयुक्त होने की क्रिया सभी प्राणियों के जीवन के रूप में परिणत हो जाती है। इसलिए आंतरिक ऊर्जा के विकास के लिए सभी को इस योग विज्ञानं को अपनाना चाहिए क्योंकि यह सबको सर्वविध आनंद व सुख देने वाला है।
उक्त बातें योग सेवक संजय गिरि नें बीते रविवार को मनेन्द्रगढ़ में सैकड़ों फीट ऊपर पहाड़ी पर अवस्थित सिद्धबाबा मंदिर में प्रथम योगी आदि योगी भगवान शिव की पूजा- अर्चना के उपरांत परिसर में महिला पतंजलि के तत्वाधान में आयोजित योगाभ्यास के दौरान कही। श्री गिरि नें योग साधको से बताया कि मन के विचलन या भटकाव को नियंत्रित करने का सर्वोत्तम साधन योग साधना है। ये मन ही सुख- दु:ख का कारण है।
इस अवसर पर भारत स्वाभिमान न्यास के जिला प्रभारी रामसहोदर नें मंदिर परिसर के पुजारी को इस योग साधना के लिए अवसर देने हेतु धन्यवाद देते हुए सभी को नित्य ही योग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि समूचे एम सी बी जिले में योग के विस्तार में सभी का सहयोग चाहिए।
मनेन्द्रगढ़ पतंजलि के हेमंत सोनी ने योगगुरु संजय गिरि के इस प्रयास के लिए धन्यवाद देते हुए बताया कि श्री गिरि वर्षों से समूचे क्षेत्र में योग का अनोखा मशाल जलाया हुआ है, जिससे लोग लाभान्वित भी हो रहे है। कार्यक्रम को युवा व्यवसायी नरेश केशरवानी व योग शिक्षिका प्रियंका ने भी संबोधित किया।
इस दौरान महिला पतंजलि चिरमिरी की सुनीता सोनी, सुमन अग्रवाल, निशा केशरवानी, कमला लहरे, आभा अग्रवाल, प्रियंका खटीक, गुंजन अग्रवाल, सिमरन अग्रवाल, कृष्णा केशरवानी, गायत्री देवी के साथ युवा भारत राज्य सोशल मीडिया प्रभारी संजय गिरि, भारत स्वाभिमान न्यास के जिला प्रभारी रामसहोदर,नरेश केशरवानी, गणेश केशरवानी, रामबाबू, राजेश, संतोष यादव,महेंद्र गुप्ता, बृजेश अग्रवाल, विनायक अग्रवाल, लवकेश, आयुष देवांगन, मनमोहन सिंह व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


