मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

आग बरसती गर्मी में परीक्षा में शामिल होने अभ्यर्थी लगा रहे कोरिया सहित अन्य जिलों की दौड़
16-Jun-2023 10:11 PM
आग बरसती गर्मी में परीक्षा में शामिल होने अभ्यर्थी लगा रहे कोरिया सहित अन्य जिलों की दौड़

9 माह पहले अस्तित्व में आए एमसीबी में नहीं खोले जा रहे परीक्षा केंद्र, जनप्रतिनिधि मौन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 16 जून। नवीन जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को पूरी तरह से अस्तित्व में आए करीब 9 माह बीत चुके हैं, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को नए जिले में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाने की वजह से उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कई तरह की परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। इस विषय में एमसीबी जिले के कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा का कहना है कि शासन को अभ्यर्थियों की परेशानियों से अवगत कराकर एमसीबी जिले में परीक्षा केंद्र खोले जाने के लिए अनुरोध किया जाएगा।

दरअसल कोरिया से विभाजित कर एमसीबी जिले का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र एमसीबी जिले में नहीं बनाए जा रहे हैं। ऐसे में आसमान से आग बरसती गर्मी में परीक्षाओं में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को 50 किलोमीटर दूर कोरिया जिले की दौड़ लगानी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा पिछले सप्ताह 10 जून को शिक्षक एवं सहायक शिक्षक भर्ती के लिए चयन परीक्षा आयोजित की गई जिसमें सहायक शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का समय चिलचिलाती गर्मी में दोपहर 2 से सायं 5 बजे तक निर्धारित किया गया था। उक्त परीक्षा में शामिल होने के लिए एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र

जनकपुर, कोटाडोल, केल्हारी, चिरमिरी, खडग़वां, मनेंद्रगढ़, झगराखंड, लेदरी और खोंगापानी तक के हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों को कोरिया सहित अन्य जिलों की ओर कूच करना पड़ा। एमसीबी जिले के अभ्यर्थियों ने बताया कि व्यापमं द्वारा आयोजित शिक्षक और सहायक शिक्षक की भर्ती परीक्षा में परेशानी झेलने के बाद अब 17 जून को बीएड की प्रवेश परीक्षा होनी है उसका केंद्र भी कोरिया सहित अन्य जिलों में बनाया गया है, लेकिन एमसीबी जिले में परीक्षा केंद्र नहीं खोला गया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में एमसीबी जिले से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन जिले का गठन हो जाने के बाद भी शासन-प्रशासन के द्वारा

उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। यदि नवीन जिले में ही परीक्षा केंद्र खोले जाएं तो जहां अभ्यर्थियों के समय की बचत होगी वहीं नाना प्रकार के परेशानियों के दौर से उन्हें नहीं गुजरना पड़ेगा। बहरहाल इस विषय में जनप्रतिनिधि भले ही मौन साधे हों, लेकिन देखना यह है कलेक्टर द्वारा अभ्यर्थियों की परेशानियों से शासन को अवगत कराने के बाद एमसीबी जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र खोले जाने में कितना वक्त लगता है?


अन्य पोस्ट