मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 27 मई। नाबालिग पीडि़ता को घर के कमरे में बंद कर उसके साथ रेप किए जाने के जुर्म में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएफसी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने आरोपी के दोषसिद्ध पाए जाने पर उसे 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि पीडि़ता अपनी नानी के साथ रहती थी। पीडि़ता के घर के बगल में आरोपी का घर है। घटना दिवस 12 जुलाई 2021 की शाम आरोपी पीडि़ता को अपने घर ले जाकर कमरे में बंद कर दिया, तभी पीडि़ता की नानी उसे खोजते हुए आरोपी के घर गई तथा पीडि़ता को साथ चलने के लिए बोली तब आरोपी द्वारा पीडि़ता की नानी का गर्दन पकडक़र धमकी देते हुए घर से बाहर निकालकर दरवाजा बंद कर दिया गया। आरोपी ने शराब पीकर पीडि़ता के साथ रेप किया। मामले में पीडि़ता की नानी की शिकायत के आधार पर थाना झगराखंड द्वारा आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय द्वारा आरोपी के दोषसिद्ध पाए जाने पर न्यायाधीश ने सभी तथ्यों, अपराध की प्रकृति तथा प्रकरण की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एमसीबी जिला झगराखंड थानांतर्गत गांव के आरोपी 50 वर्षीय हदय लाल गोंड़ को आईपीसी की धारा 376(3) व धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं दोनों ही धाराओं में 500-500 रूपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को 1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा पृथक से भुगतनी होगी।


