मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
पीडि़ता की शिकायत पर राजस्व मंत्री ने कलेक्टर को दिए जांच के आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 22 मई। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की मिलीभगत से दूसरे की जमीन को अपनी जमीन बताकर बेचे जाने का मामला सामने आया है। पीडि़ता ने राजस्व मंत्री से लिखित शिकायत कर रजिस्ट्री रद्द कराने एवं उसकी जमीन पर से कब्जा हटाए जाने की गुहार लगाई है। राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल द्वारा एमसीबी कलेक्टर को शिकायत की जांच कर मामले में की गई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराने को कहा है।
बिलासपुर निवासी सोमशुक्ला सरकार ने राजस्व मंत्री को की गई अपनी शिकायत में कहा कि मनेन्द्रगढ़ स्थित खसरा नं. 206/4 रकबा 0.081 भूमि की वह सहभूमि स्वामी है। उसकी भूमि को नरेश सरकार की भूमि खसरा क्र. 206/7 रकबा 0.081 है, बताकर विक्रय कर दिया गया हैं। उसने कहा कि मनेन्द्रगढ़ स्थित भूमि खसरा क्र. 206/4 रकबा 0.081 वर्तमान राजस्व रिकार्ड में स्वप्ना सिन्हा, संजीब बोस, संध्या शर्मा, रंजीब बोस, सुष्मिता दता, सुदीप्ता बोस एवं सोनाली बोस के नाम पर दर्ज है। उक्त भूमि पर पूर्व से ही बाउंड्रीवाल निर्मित था। लंबे समय से बाउंड्रीवाल होने के कारण कुछ हिस्सा गिर चुका है, लेकिन शेष बाउंड्रीवाल यथावत है। मनेन्द्रगढ़ स्थित भूमि खसरा क्र. 206/7 रकबा 0.081 वर्तमान राजस्व रिकार्ड में नरेश सरकार के नाम पर दर्ज है। इन दोनों भूमियों का रकबा एक ही है जिसके कारण उक्त भूमि की स्थिति को चालू नक्शे में लाल स्याही से राजस्व निरीक्षक मनेंद्रगढ़ शहरी संदीप सिंह के द्वारा सत्यापित कर खसरा क्र. 206/7 कर दिया गया है।
महिला ने कहा कि लाल स्याही से सत्यापन उपरांत मनेंद्रगढ़ पटवारी सुरेंद्रपाल सिंह द्वारा गलत मौका जांच हमारी जमीन खसरा क्र. 206/4 को 206/7 बताकर जमीन की दो भूखण्डों में विक्रय प्रतिवेदन या चौहद्दी बनाकर उसकी भूमि को विक्रय कर दिया गया है। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि विक्रय पश्चात जमीन की क्रेता विद्यादेवी अग्रवाल एवं रेखा अग्रवाल के द्वारा बाउंड्री की गई भूमि पर खंबा गाडक़र कब्जा किया जा रहा है। उसने कहा कि चूंकि मूल खसरा क्र. 206 का रकबा मिसल रेकॉर्ड में लगभग 4 एकड़ है एवं वर्तमान रकार्ड में खसरा क्र. 206 के 52 छोटे-छोटे भूखंड हो चुके हैं जिनका योग करने पर 4 एकड़ से अधिक एकड़ की भूमि हो रही है। कुछ एकड़ भूमि अधिक हो जाने के कारण नरेश सरकार एवं अन्य भूमि स्वामि को भूमि न मिल पाने के कारण फर्जी तरीके से उसकी जमीन को नरेश सरकार द्वारा अपनी जमीन बताकर राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी से मिलीभगत कर जमीन विक्रय किया गया है।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि चूंकि हम सभी सह भूमि स्वामि मनेंद्रगढ़ से बाहर रहते हैं जिसके कारण जमीन पर कम आना-जाना रहता है जिसका फायदा उठाते हुए उक्त कृत्य को अंजाम दिया गया है। महिला ने कहा कि जिस जमीन को फर्जी तरीके से विक्रय किया गया है वह उनकी पैतृक भूमि है। उसने कहा कि उसके नाना डॉ. पीसी बोस के द्वारा सन् 1972 में उक्त भूमि का रजिस्ट्री कराया गया था जिसके पश्चात् से हमारा परिवार भूमि पर बाउंड्रीवाल बनाकर काबिज है। महिला ने राजस्व मंत्री से उसकी भूमि पर स्थित खंबा हटवाने एवं गलत भूमि को बताकर विक्रय की गई भूमि खसरा क्रमांक 206/7 की रजिस्ट्री को रद्द कराते हुए दोषियों के विरुद्ध केस दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है।


