मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
शिकायतकर्ता ने अदालत में जाने की मांगी अनुमति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 मई। सामाजिक संस्था के नाम पर चल रहे अवैध क्लब ग्रीन पार्क के मामले में कलेक्टर के आदेश के बावजूद 4 माह तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर शिकायतकर्ता के द्वारा मामले में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अदालत में परिवाद पेश करने की अनुमति मांगी गई है।
मनेंद्रगढ़ निवासी रमाशंकर गुप्ता ने बताया कि एफएल-4(क) का लायसेंस क्लब ग्रीन पार्क कोरिया के नाम से लेकर होटल पर बार लिखवाकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए खुलेआम शराब बेचने व क्लब सदस्यों के अतिरिक्त शराब का सेवन कराने का अवैध कार्य किया जाता रहा, जिसे लेकर उनके द्वारा 23 दिसंबर 2022 को मनेंद्रगढ़ में सामाजिक संस्था के नाम पर चल रहे अवैध बार के विरूद्ध शिकायत प्रस्तुत की गई थी, जिसकी जांच हेतु 30 दिसंबर 2022 को एसडीएम मनेंद्रगढ़ को कलेक्टर द्वारा जांच में नियमानुसार कार्रवाई कर पालन प्रतिवेदन पेश करने आदेशित किया गया था, लेकिन 3 माह तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर उनके द्वारा 3 अप्रैल 2023 को सूचना के अधिकार के तहत एसडीएम कार्यालय में आवेदन लगाकर कलेक्टर के उक्त आदेश पर की गई कार्रवाई के दस्तावेजों की मांग की गई जिस पर 1 माह बाद 2 मई को एसडीएम कार्यालय से उन्हें जानकारी दी गई कि उक्त मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए जानकारी निरंक है।
कलेक्टर के आदेश की अवहेलना
रमाशंकर गुप्ता ने कहा कि स्पष्ट रूप से यह कलेक्टर के आदेश की घोर अवहेलना है। वह भी ऐसे मामले में जब सामाजिक संस्था के नाम पर शासन-प्रशासन को गुमराह कर शराब दुकान का लायसेंस प्राप्त किया गया है जो कि नैतिक और सामाजिक मूल्यों का हनन है। उन्होंने बताया कि इस उन्होंने 3 मई को कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत कर मांग गई है कि यदि कलेक्टर के आदेश पर भी जांच नहीं हो सकती है तो आवेदक को न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए।
आबकारी मंत्री ने भी 1 माह के भीतर कार्रवाई की बात कही थी
ज्ञात हो कि नवीन जिला एमसीबी के जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में क्लब की आड़ में 2 साल तक अवैध रूप से बार संचालन का मामला 16 मार्च 2023 को भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो के द्वारा विधानसभा में उठाए जाने पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने उक्त मामले में एक माह के भीतर कार्रवाई और जरूरत पडऩे पर लायसेंस निरस्त किए जाने की बात कही थी, लेकिन डेढ़ माह से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, इस मामले में लायसेंस निरस्त करन तो दूर अभी तक किसी भी तरह की कोई भी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।


