मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 26 अप्रैल। मेला देखने गई मासूम के साथ रेप कर बेरहमीपूर्वक उसकी हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने अभियुक्त के दोषसिद्ध पाए जाने पर विभिन्न धाराओं के तहत उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि पीडि़ता 24 मार्च 2018 को 3-4 बजे महामाया मंदिर में दर्शन एवं मेला देखने अपनी बड़ी बहन के साथ गई थी। मेला दर्शन कर वापस घर आई और शाम साढ़े 6 बजे पुन: घर में किसी को बिना बताए मेला मंदिर तरफ गई। उसके वापस घर नहीं आने पर परिजनों के द्वारा मेला एवं अपने रिश्तेदारों के यहां पूछताछ की गई, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चल सका। दूसरे दिन 25 मार्च को आसपास के गांव में पतासाजी की गई। इस बीच शाम को मंदिर के पीछे नाकाबाड़ी तरफ पीडि़ता की लाश गड्ढे में पाई गई।
विवेचना के दौरान नवरात्रि मेला में अभियुक्त द्वारा चॉकलेट खरीद कर अन्य छोटी बच्चियों को भी चॉकलेट देने का पता चलने पर अभियुक्त को तलब कर पूछताछ करने पर उसके द्वारा पीडि़ता को चॉकलेट देकर गड्ढा की ओर ले जाकर मुंह दबाकर उसके साथ रेप करना तथा बेहोश होने पर पीडि़ता के सिर पर पत्थर पटकर हत्या करना स्वीकार किया गया।
मामले में पीडि़ता के पिता की शिकायत पर खडग़वां पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी के दोषसिद्ध पाए जाने पर न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि इस तरह के अपराध से समाज में बच्चियों तथा महिलाओं में असुरक्षा का वातावरण निर्मित होता है। यह अपराध समाज पर व्यापक रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अभियुक्त द्वारा जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया है वह अत्यंत कू्रर मानसिकता को दर्शाता है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए दंड के प्रश्न पर उदारतापूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। सभी तथ्यों, अपराध की प्रकृति तथा प्रकरण की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त खडग़वां थानांतर्गत वार्ड क्र. 9 कोलपारा निवासी 24 वर्षीय सचिन केशरवानी उर्फ भोलू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।


