मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा
बैकुंठपुर/मनेन्द्रगढ़, 25 अप्रैल। विधानसभा चुनाव में 6 महीने बाकी है। लेकिन मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा में टिकट के दावेदार सक्रिय हैं। यह सीट कांग्रेस के पास है। जिस पर कब्जा जमाने के लिए संगठन स्तर पर काफी मेहनत हो रही है। भाजपा नेता इलाके में विकास कार्यों में उपेक्षा का आरोप लगाते हैं, और यह कहने से नहीं चूकते कि विकास के नाम पर सिर्फ नवीन जिले का निर्माण हुआ है।
राज्य की दूसरे नंबर की विधानसभा मनेन्द्रगढ़ का समीकरण थोड़ा अलग है, यह विधानसभा मनेन्द्रगढ़ शहर के मुकाबले विधानसभा का वोटर के हिसाब से बड़ा हिस्सा चिरमिरी नगर निगम और खडग़वां में आता है। अभी तक ज्यादातर विधायक, सांसद चिरमिरी और खडग़वां क्षेत्र से ही जीत कर आए है चाहे पार्टी भाजपा हो या कांग्रेस। ऐसे में निगाहें एक बार फिर चिरमिरी और खडग़ंवा क्षेत्र की ओर टिकी है। बीते चार वर्ष के कार्यो की बात की जाए तो घोषणाएं खूब हुई पर जमीन पर कुछ खास देखने को नहीं मिला, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची रही है, सोशल मीडिया में विकास की गंगा बहती रही।
आरोप प्रत्यारोप का दौर ज्यादा रहा, शराब दुकान का मामला हो या अवैध कारोबार का साथ ही एसईसीएल के जीएम के घर के नल काटे जाने का, ऐसे मामलों ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया, बीते 4 वर्षे में कांग्रेस संगठन को दरकिनार करके रखा गया। वहीं नवीन जिले के निर्माण को लेकर चिरमिरी में जिला मुख्यालय की मांग पर कई दिन तक आंदोलन चला, अंत में सोनहत भरतपुर विधायक की चली और मनेन्द्रगढ़ को जिलामुख्यालय बना दिया गया।
पूरे 4 वर्षो अवैध कोयला, शराब और कबाड़ का कारोबार सुर्खियों में रहा। हाल ही में ताजा मामला विधानसभा में देखा गया जब दोनों विधायक अपने अपने क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार को लेकर आमने सामने आ खड़े हुए, प्रदेश भर मे चर्चा का विषय बना रहा और कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई।
दावेदार सक्रिय
इस बार मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस की ओर से दावेदारों की फौज तैयार है। दावेदारी के मैदान में वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल,, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार केशनवानी, ओमप्रकाश गुप्ता (बडक़ु भइया), अशोक श्रीवास्तव, डमरू रेड्डी, कंचन जायसवाल प्रमुख है। दावेदार मैदान में देखे जा रहे हैं, विभिन्न आयोजनों के द्वारा जनता तक खुद को सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस में टिकट का सारा दारोमदार डॉ चरणदास महंत पर है,क्योंंेिक नवीन जिले के निर्माण में अंदरखाने उनकी भूमिका अहम रही है। वहीं भाजपा में यदि गुजरात फार्मुला चला तो हारे नेताओं को टिकट कट सकता है, जबकि भाजपा के हारे विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को भाजपा ने किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था, फिर बीते 4 वर्षों में उन्होनें कांग्रेस का मुकाबला किया है।
वहीं भाजपा नए चेहरे की तलाश में है ऐसे में चिरमिरी की उभरती महिला नेता मुनमुन जैन की दावेदारी भी कम नहीं है।
काफी सक्रिय श्रीमती जैन पार्टी के लिए काम कर रही है। दूसरी ओर भाजपा में वापसी कर चुके लखन श्रीवास्तव एक बार फिर दावेदारी के लिए मैदान में उतर चुके है। देखना है भाजपा किसी नए चेहरे के साथ मैदान मे उतरती है या हारे नेता पर दांव लगाती है।
2018 में क्या हुआ
बीते विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो भाजपा का पूरा खेल भाजपा के बागी पूर्व जिला अध्यक्ष लखन श्रीवास्तव ने बिगाड़ा था उन्हें 12840 मत मिले थे, पानी वाले बाबा के नाम से उन्होने खुद को प्रचारित किया था। एक बार फिर वो मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में सक्रिय है, ऐसा लग रहा है कि इस बार फिर वो अपना भाग्य आजमा सकते है। वहीं कांग्रेस का 35507 मत मिले थे जबकि भाजपा को 31434 मत मिले, 4073 मतोंं के मामूली अंतर से कांग्रेस का जीत मिली थी। यदि भाजपा के बागी खड़े नहीं होते तो परिणाम कुछ और देखने को मिलता। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को 11533 मत मिले थे।


