महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 31 मार्च। कोरोना महामारी को जल्दी पहचानने के लिए शासन द्वारा जिला मुख्यालय में आरटीपीसीआर लैब बनाने के लिए विभाग को 5 महीने पहले से ही उक्त मशीन मिल गई है, जो विभिन्न कारणों से अभी तक इंस्टॉल नहीं हो पाई है।
हालांकि इसके इंस्टॉलेशन में वर्तमान समय में थोड़ी तेजी आई है। जिससे अगले महीने तक इसके शुरू होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। इसके इंस्टॉलेशन के लिए तकनीकी एक्सपर्ट भी यहां पहुंच रहे हैं। अधिकारी डॉ. अनिरुद्ध कसार कहते हैं कि इसके इंस्टॉलेशन के लिए विभिन्न तकनीकी कार्य हैं, जिसके कारण इसमें देरी हुई है। इसके कैलिबरेशन, इंस्टॉलेशन व कई तरह की तकनीकी स्वीकृतियां व जांच की आवश्यकता होती है। इसके प्रक्रिया के कारण ही इसमें देरी हुई है। वर्तमान समय में इस कार्य में तेजी आई है, जिससे लैब की शुरुआत एक महीने के अंदर होने की उम्मीद है। यह लैब पुराना जिला चिकित्सालय में बनाया जा रहा है जिसकी तैयारी अभी तेजी से चल रही है।
अधिकारी बताते हैं कि आरटीपीसीआर लैब के लिए वर्तमान समय में लगातार इंजीनियर्स पहुंच रहे हैं। बीते शनिवार को भी मशीन के कैलिबरेशन के लिए इंजीनियर जिला मुख्यालय पहुंचे थे। पिछली बार जो इंजीनियर इसके लिए आने वाले थे वे कोविड पॉजिटिव हो गए, जिसके कारण इस कार्य में पखवाड़े भर से ज्यादा का समय और लग गया था। जिले में आरटीपीसीआर लैब के शुरू नहीं होने के कारण जिले के सैंपल को जांच के लिए रायपुर भेजा जाता है। जहां से 2 से 3 दिन में सैंपल जांच की रिपोर्ट यहां आती है। इसके बाद से विभाग द्वारा पॉजिटिव पाए गए लोगों के इलाज व आइसोलेशन संबंधी कार्य किए जाते हैं।