महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 मार्च। होली पर संस्कृति व संस्कारों के साथ पर्यावरण संरक्षण की चिंता को देखते हुए इस साल देशभर के कई जगहों पर हरियाली को नवजीवन देने के लिए गोकाष्ठ से होलिका दहन की तैयारी है। इसी तारतम्य में नगर पालिका महासमुंद द्वारा भी लोगों को लकड़ी जलाने के बजाए स्व सहायता समूह के द्वारा तैयार किए गए गोकाष्ठ का उपयोग करने की अपील कर रही है। महिलाएं गोबर से गोकाष्ठ बनाकर लोगों को इस साल लकड़ी के बजाए गोकाष्ठ जाने की अपील कर रही है। इसका बाजार भी सजकर तैयार हो गया है । लोकिया चौक पर महिलाएं गोबर से बने गोकाष्ठ बनाकर बेच रही हैं। ज्ञात हो कि होली से एक दिन होलिका दहन होता है।
अनुमानत: एक स्थान पर दो से तीन क्विंटल लकड़ी जलाई जाती है। कुछ जगहों पर इसके लिए हरे.भरे पेड़ भी काट दिए जाते हैं जबकि इन्हें तैयार होने में सालों लग जाते हैं। पर्यावरण को इसका बड़ा नुकसान है। आक्सीजन के बड़े स्नोत तो खत्म होते ही हैंए लकड़ी जलाने पर इसके धुएं से निकलती कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बन डाइआक्साइड, सल्फर नाइट्रेट एवं नाइट्रोजन आक्साइड जैसी गैसें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। पर्यावरण के लिहाज से भी यह अहम है। नगर पालिका अधिनस्थ तुमाडबरी मणिकंचन केंद्र में महिला स्वसहायता समूहों ने गोबर से बनी लकड़ी ओर कण्डे इस प्रयोजन के लिए तैयार किए हैं। महिला समूहों ने लोगों से अपील की है कि वे गोबर से निर्मित कण्डों और लकडय़िों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे जंगलों के दवाब को कम किया जा सकता है। गोकाष्ट कंडा बिक्री हेतु स्थानीय लोहिया चौक टीनशैड, कार्यालय नगर पालिका के सामने, तुमाडबरी एसएलआरएम सेंटर में भी सम्पर्क किया जा सकता है।