महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 27 मार्च। कोविड के बढ़ते खतरे के बीच क्षेत्र में होली पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारियां चल रही है। होलिका दहन के समय नगाड़ों पर रोक के बावजूद नगाड़े भारी संख्या में बिक चुके, वहीं रंग गुलाल की दुकानों में भी रौनक बढ़ गयी है।
होली पर्व इस वर्ष कोविड 19 के प्रभाव के कारण प्रशासनिक बंदिशों में मनाए जाने के आदेश है।परन्तु क्षेत्र में होली मनाने के लिए आवश्यक वस्तुओं की बिक्री देखकर ऐसा लगता नहीं है कि लोगों में कोरोना का कोई भय भी है। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में होली की तैयारी धूमधाम से चल रही है। ज्ञात हो कि क्षेत्र में प्रशासन की बंदिश एवम लगातार चेतावनी के बावजूद लोगों पर किसी तरह का कोई असर पड़ता दिख नही रहा।
नगाड़ों की बिक्री पूर्ववत
प्रतिवर्ष झलप से पिथौरा आकर नगाड़ा बेचने वाले वृद्ध मोहन ने ‘छत्तीसगढ़़’ प्रतिनिधि को बताया कि वे विगत एक दशक से झलप में मिट्टी की हांडी का नगाड़ा बना कर पिथौरा बेचने आते हैं। पहले छोटा बड़ा मिलाकर करीब 200 जोड़ी तक नगाड़ा बिक जाता था। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से 100 जोड़ी छोटे और 50 जोड़ी बड़े नगाड़े बना कर लाये थे। छोटे 120 एवं बड़े 450 रुपये प्रति जोड़ी की दर से उन्होंने नगाड़े बेचे है। छोटे पूरे समाप्त हो गए। अब बड़े नगाड़े ही कोई 5 जोड़ी बचे है जिसके भी बिक जाने की संभावना है।
हर्बल गुलाल आकर्षित कर रहा
इधर रासायनिक रंग गुलाल के बीच मुढ़ीपार महिला वन समिति द्वारा तैयार गुलाल भी इस बार बाजार में है। महंगा होने के कारण इसकी मांग कम है परन्तु शहरी ग्राहक इसे अवश्य खरीद रहे है।रंग गुलाल दुकानों में इस बार पूर्व की तरह भीड़ तो नही है परन्तु चिल्लर ग्राहकी अवश्य है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि रंग गुलाल होली के एक दिन पहले यानी रविवार को ही लोग खरीदने आएंगे इसलिए अभी बाजार में सन्नाटा है। इस वर्ष के हालात भले ही कोरोना के कारण दहसत भरे है परन्तु ग्रामीण क्षेत्रो में इसका बहुत ज्यादा असर नही है। लिहाजा ग्रामीण ग्राहकों का रुख देखकर रंग व्यवसायी भी अच्छी दुकानदारी होने की उम्मीद में है।