महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 12 जनवरी। आस्था साहित्य समिति महासमुन्द द्वारा विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी को शासकीय आदर्श उमावि महासमुन्द में साहित्यकार श्रीमती एस.चन्द्रसेन की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का शुभारंभ साहित्यकार आनंद तिवारी पौराणिक द्वारा रचित हिन्दी गीत जय जय जय पावन वसुंधरा, सुरेन्द्र अग्निहोत्री के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर आस्था साहित्य समिति के अध्यक्ष आनंद तिवारी पौराणिक ने भाषा के विषय वस्तु पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हमारी भाषाएं सिर्फ अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं हैं वरन् वे हमारी सोच और संस्कृति को भी आकार देती है। शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य कालेज में हिन्दी विषय के सहायक प्राध्यापक सीमा रानी प्रधान ने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि देवनागरी लिपि विश्व की सबसे ज्यादा वैज्ञानिक लिपि है। हिन्दी संस्कृति की संवाहिका होने के साथ साथ विश्व बंधुत्व की बावना देती है। यही कारण है कि हमारी हिन्दी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में चौथे पायदान पर है।