महासमुन्द

डॉ. शर्मा ने करिया धुरवा लोकदेवता पर किया शोध
14-Dec-2025 4:57 PM
डॉ. शर्मा ने करिया धुरवा लोकदेवता पर किया शोध

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
पिथौरा, 14 दिसंबर।
इतिहासकार एवं पुरातत्ववेत्ता डॉ. रामविजय शर्मा (रायपुर) द्वारा हाल ही में पिथौरा विकासखंड के ग्राम अर्जुनी में एक शोध शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कौडिय़ा जमींदारी क्षेत्र से जुड़े लोकदेवता करिया धुरवा से संबंधित लोककथाओं, ऐतिहासिक संदर्भों और सांस्कृतिक परंपराओं पर अध्ययन किया गया।

डॉ. शर्मा ने बताया कि लोकमान्यताओं के अनुसार करिया धुरवा कौडिय़ा जमींदारी से जुड़े रहे हैं। ग्रामीणों के बीच प्रचलित कथा के अनुसार उनका विवाह रतनपुर राज परिवार से तय हुआ था और विवाह के पश्चात वापसी के दौरान अर्जुनी क्षेत्र में एक घटना घटी, जिसे लोककथा के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी बताया जाता है।
शोध के दौरान यह भी बताया गया कि अर्जुनी गांव में तालाब के समीप तथा आसपास के क्षेत्र में कुछ पत्थर की आकृतियां स्थित हैं, जिन्हें ग्रामीण करिया धुरवा और करिया धुरवाईन माता से जोड़कर देखते हैं। शोधकर्ता ने स्पष्ट किया कि इन मान्यताओं का अध्ययन लोकविश्वास और सांस्कृतिक परंपरा के संदर्भ में किया जा रहा है।
डॉ. शर्मा के अनुसार अर्जुनी गांव पिथौरा तहसील, जिला महासमुंद में स्थित एक प्राचीन बसाहट है, जो मुड़ीपार ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है और पिथौरा से लगभग चार किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि शोध कार्य अभी जारी है।
स्थानीय मान्यताएं और परंपराएं
ग्रामीणों ने बताया कि करिया धुरवा से संबंधित मान्यताओं के आधार पर लगभग 21 गांवों के सहयोग से करिया धुरवा का मंदिर बनाया गया है। करिया धुरवाईन माता के मंदिर का निर्माण कार्य भी जारी है। ग्रामीणों के अनुसार पहले मूर्तियां एक चबूतरे पर स्थापित थीं।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगहन पूर्णिमा के अवसर पर यहां तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है, जिसमें विभिन्न लोकनृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
शोध शिविर में पूर्व जनपद सदस्य तोरण बैरागी (बागबाहरा), पूर्व सरपंच प्रदीप पटेल (मुड़ीपार), रण सिंह ध्रुव (राजपरिवार सचिव), गणेश राम ध्रुव, प्रमुख बैगा सोनु राम ध्रुव, बैगा तुला राम विश्वकर्मा, देवनारायण पटेल, रूपसिंह ध्रुव, झनकराम पटेल, प्रेमशंकर पटेल (अध्यक्ष), रामदास मानिकपुरी सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।
 


अन्य पोस्ट