महासमुन्द

182 धान खरीदी केंद्रों में बंफ र लिमिट पार, आधे से अधिक में उठाव शुरु ही नहीं
14-Dec-2025 4:26 PM
 182 धान खरीदी केंद्रों में बंफ र लिमिट पार, आधे से अधिक में उठाव शुरु ही नहीं

सप्ताह भर में उठाव नहीं हुआ तो खरीदी प्रभावित
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद,14 दिसंबर। महासमुंद जिले भर के 182 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी अब बफर लिमिट के पास हो गई है। ऐसे में यदि, सप्ताह भर में उठाव की गति तेज नहीं हुई तो खरीदी बंद हो सकती है। 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी को आज 29 दिन पूरे हो गए हैं। इसके बाद भी 182 में आधी सोसायटियों में धान का उठाव शुरू नहीं हो पाया है। खरीदी केंद्रों में स्टेक रखने के लिए बनाए गए सभी चबूतरे धान के स्टेक से फुल हो चुके हैं।

जिले के बेमचा, पिटियाझर,शेर, कनेकेरा, बम्हनी सहित जिला मुख्यालय से लगे कुछेक उपार्जन केंद्रों को छोड़ दें तो शेष में 1 दाना भी धान का उठाव नहीं हुआ है। इससे अब समितियों का सिर दर्द बढ़ रहा है। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कल दिनांक 13 दिसंबर तक कुल 48164 किसानों से 279023.84 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। लेकिन मात्र 3347 मीट्रिक टन का ही उठाव अब तक हो पाया है। इस तरह अब भी खरीदी केंद्रों में 565249.84 मिट्रिक टन धान जाम पड़ा हुआ है। समितियों के अनुसार यदि सप्ताह भर में धान का उठाव नहीं हुआ तो विकट स्थिति निर्मित हो जाएगी। वर्तमान में जिले की सहकारी समितियां जैसे-तैसे व्यवस्था बनाकर खरीदी को सुचारू रूप से चला रही है।

सहकारी कर्मचारी संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू के अनुसार खरीदी को लगभग एक माह पूरे चुके हैं। धान का उठाव नहीं होने अब धान रखने जगह का अभाव शुरू हो गया है। नया जगह बनाने के लिए समितियों के ऊपर प्रकाश व्यवस्था, तिरपाल, कैमरे तथा अतिरिक्त चौकीदार के खर्च का बोझ बढ़ रहा है। साथ ही चोरी आदि होने का भी भय है। हालांकि अब 24 घंटे टोकन कटना शुरू हो चुका है। ऐसे में उपार्जन केंद्रों में लगातार धान आवक होगी और उपार्जन केंद्र धान का दबाव बढ़ेगा। यही नहीं, जो धान प्रारंभ में खरीदे गए हैं, उनमें सूखत आएगा। इससे सहकारी समितियों को नुकसान होगा।


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