महासमुन्द

मेडिकल कॉलेज में चल रही पीजी कक्षाओं की तैयारियां, निश्चेतना-स्त्री रोग विभाग की स्टेट सर्जरी टीम ने देखी तैयारी
11-Dec-2025 4:07 PM
मेडिकल कॉलेज में चल रही पीजी कक्षाओं की तैयारियां,  निश्चेतना-स्त्री रोग विभाग की स्टेट सर्जरी टीम ने देखी तैयारी

 कहा-सर्जरी से संबंधित मशीने अनिवार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,11दिसंबर। मेडिकल कॉलेज में पीजी सर्जरी विभाग के संचालन के लिये आवश्यक तैयारियों का कल स्टेट की टीम ने अवलोकन किया तथा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आवश्यक मार्गदर्शन भी दी। कल मेकाहारा से सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र रात्रे मेकाहारा पहुंचे थे। उनके साथ डॉ.नरेंद्र प्रसाद एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. महेंद्र धुवारे एसो. प्रो.डा. मानिक नेती, असि.नप्रो.डा.श्वेता शर्मा एसआर भी थे। टीम ने कल सर्वप्रथम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग की आवश्यक लायब्रेरी तथा कक्षाओं का अवलोकन किया।

इसके अलावा टीम ने ओपीडी में प्रतिदिन मरीजों की संख्या, आवश्यक सामानों का निरीक्षण तथा कितनी आईपीडी होती है, इसका भी निरीक्षण किया। इसके पूर्व कल कम्यूनिटी मेडिसिन की स्टेट टीम ने निरीक्षण किया। इस टीम ने आसपास के ग्रामों की स्थिति जैसे की साराडीह, बरोंडा बाजार जाकर भी आवश्यक सुविधाओं का जायजा लिया।

विशेषज्ञों ने चर्चा में बताया कि पीजी मेडिकल की पढ़ाई रेजिडेंसी के लिए सर्जरी विभाग में कई सुविधाओं की आवश्यकता होती है। ताकि प्रशिक्षु डॉक्टरों को व्यापक प्रशिक्षण मिल सके। सुविधाओं में नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित ओटी, जिसमें न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी लेप्रोस्कापी और रोबोटिक सर्जरी की सुविधा महत्वपूर्ण है। सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंट और पैथोलॉजी लैब जैसी 24गुणा 7 उपलब्ध दैनिक सेवाएं आवश्यक हैं। ताकि मामलों का सटीक निदान और प्रबंधन किया जा सके।

बताया कि गंभीर सर्जिकल मामलों और ऑपरेशन के बाद की देखभाल के लिए एक पूरी तरह कार्यात्मक और अच्छी तरह से सुसज्जित एसआईसीयू होना चाहिए। विविध प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं को देखने और उनमें भाग लेने के लिए अस्पताल में पर्याप्त संख्या में मरीज होने चाहिए। जहां प्रशिक्षु वास्तविक ऑपरेशन से पहले मॉडल और सिमुलेटर पर अपने कौशल का अभ्यास करें। वे प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हंै। नवीनतम सर्जिकल साहित्य,जर्नल्स और शोध तक पहुंच के लिए एक अच्छी तरह से स्टॉक किया गया पुस्तकालय और अनुसंधान के अवसर उपलब्ध होने चाहिए।

उन्होंने ओटी, माइनर ओटी कक्ष का अवलोकन किया। यहां पाया गया कि वर्तमान में एक टेबल में 2 मेजर ओटी प्रति सप्ताह होती है। इसके अलावा सीएनटी होती है। ऐसे में पीजी सर्जरी की पढ़ाई के लिये यहां जिला अस्पताल भवन के अलावा एनेस्थीसिया, रेडियोला इंटरनल मेडिसिन और ऑन्कोलॉजी अन्य विभागों के साथ प्रभावी सहयोग आवश्यक है। एंडोस्कॉपी टॉवर,इलेक्ट्रोसर्जिकल यूनिट और आधुनिक एनेस्थीसिया मशीन जैसी जरूरी है। एनेस्थीसिया मशीनें, निगरानी उपकरण दवाएं, ब्लड बैंक की सुविधा और इमरजेंसी सपोर्ट शामिल हैं, साथ ही कार्डियक, न्यूरो और पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञता के लिए अलग विभाग और पर्याप्त प्रैक्टिकल ट्रेनिंग जैसे एपिड सुई और कैथेटर डालना के लिए प्रशिक्षित स्टाफ  और संसाधन भी बहुत जरूरी है। ताकि छात्र सर्जरी से पहले और बाद में रोगी की पूरी देखभाल सकें। इसके अलावा एनेस्थसिया वर्क स्टेशन जरूरी है।

प्रो.डॉ.शुभ्रा अग्रवाल के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य से संबंधित पीजी की पढ़ाई के लिये छात्र-छात्राओं को ग्रामों में भी जाकर प्रायोगिक वर्क करना होता है। इसके लिए समीप के ग्रामों की जनसंख्या तथा जलजनित बीमारियों, सामुदायिक बीमारियों से संबंधित बीमारियों के अध्ययन के लिए लोगों के बीच जाना होता है। अब इसके बाद निश्चेतना तथा स्त्री रोग विभाग की टीम पहुंचेगी जो आवश्यक संसाधनों को जांचेगी। इसके लिये डा. स्मृति नायक को आमंत्रित किया गया है। राज्य की टीम इन तैयारियों का अवलोकन कर इसकी रिपोर्ट बनाकर ले जाएगी। इसके बाद एनएमसी की टीम यहां औचक निरीक्षण करेगी। एनएमसी की टीम के अवलोकन में तैयारी पूर्ण होने पर यहां की सुविधाओं के अनुरूप कितनी सीटें देनी है,यह एनएमसी के अधिकारी तय करेंगे।

 

गौरतलब है कि महासमुंद मेडिकल कॉलेज में नये सत्र से अब पोस्ट ग्रेजुएट पीजी की कक्षाएं भी शुरू होनी है। इसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है। शासन की ओर से पीजी के संचालन के लिए अनुमति मिल चुकी है। अब एनएमसी दिल्ली की टीम पीजी कोर्स को लेकर यहां की जा रही तैयारियों की जायजा लेने के लिए पहुंचेंगी।ं यदि निरीक्षण में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं सही पाई गई तो नए सत्र में पीजी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

विभागीय जानकारी अनुसार एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर वर्तमान में 4 बेच पूरे हो चुके हैं। फायनल वर्ष के बाद पोस्ट ग्रेजुएट को लेकर अनुमति मिलती है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 35 सीटों को लेकर अनुमति मांगी थी। पीजी कक्षाएं शुरू होने के बाद पीजी के 10 विषयों के लिए कुल 30 प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज में मिलेंगे। यहां एनाटॉमी डिपार्टमेंट एमडी केलिये 3, फिजियोलॉजी 4, बायोकेमेस्ट्री 3, पैथोलॉजी 4, फार्मेकोलॉजी 4, माइक्रो बायलॉजी 3, कम्युनिटी मेडिसिन 3, सर्जरी 3, तथा एनेस्थिसिया 4 गायनेकोलॉजी के लिए 3 सीटें हैं। इसके साथ ही यहां एमडीएमएस भी शुरू होंगे। युनिवर्सिटी एफि लेशन के लिये इसी सप्ताह दिल्ली से एनएमसी की टीम आएगी।


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