महासमुन्द

दोबारा तिथि बढ़ाने के बाद भी 7455 किसानों का पंजीयन बाकी, मात्र दो दिन शेष
29-Nov-2025 4:09 PM
दोबारा तिथि बढ़ाने के बाद भी 7455 किसानों  का पंजीयन बाकी, मात्र दो दिन शेष

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 29 नवंबर। धान खरीदी शुरु हुए 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पंजीयन को लेकर अब तक ठीक ठाक व्यवस्था नहीं बना पाई है। सोसायटियों में किसानों धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई है। किसान बीते 10 दिनों से पंजीयन कराने दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। पंजीयन के लिए तिथि दोबारा फिर से 5 दिनों तक बढ़ाई गई है और अब केवल दो दिन ही शेष हैं। अभी भी 7455 किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है।

किसान तहसील कार्यालय और सोसायटियों में पंजीयन और रकबा सुधार कराने भटक रहे हैं। पहले से ही किसान बेमौसम बारिश से खासे परेशान थे। धान खरीदी शुरू होने के पूर्व अफसर खेतों में भौतिक सत्यापन करने पहुंचे थे। सेटेलाइट से भी सत्यापन किया और 40 हजार से ज्यादा किसानों के धान रकबा कम हो गया। अब ऐसे किसान अपनी जमीन का रकबा सुधार कराने सरकारी कार्यालय लाइन में लग सुधार करा रहे हंै। बैहाडीह, कोकनाझर, जोगीडीपा समेत 18 गांवों में समस्या ज्यादा है। इन गांवों में अधिकतर किसानों का समस्या ज्यादा है।  इन गांवों में अधिकतर किसानों का एक से दो एकड़ रकबा माड्यूल में शामिल नहीं हो पाया है। इसकी वजह से पंजीयन नहीं करा पाए हैं। किसान बताते हैं कि अफसरों के पास जाने पर साफ्टवेयर की खामियां बताकर वापस भेज देते हैं। सुधार नहीं होने से किसान अब धान नहीं बेच पाएंगे। किसानों ने जल्द ही समय के भीतर सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।  इस मामले में जिला नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने कहा कि शासन ने समस्या को देखते हुए 5 दिन अतिरिक्त समय बढ़ाया है। जिन किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है, या रकबा कम दर्शा रहा है, उनका सुधार किया जा रहा है। साथ ही पंजीयन भी कर रहे हंंै। सही है कि सेटेलाइट में कई किसानों का रकबा नहीं दर्शाने से ंंंंंंंंंंंंरकबा कम हो गया था। साफ्टवेयर में खामियों के कारण दिक्कतें आ रही थी। समस्या दूर की जा रही है। किसान तुकाराम ध्रुव ने फोन पर बताया कि ग्राम बैहाडीह में प्राइवेट दुकान में सामान का कर्ज चुकाना था। इसलिए 1500 रुपए की दर से धान को बेचकर कर्ज चुकाया। चोरभट्टी में करीब 50 किसानों का वनभूमि वाले हैं।

यह वनग्राम है। यहां के किसानों का साफ्टवेयर में गिरदावरी रिपोर्ट सबमिट नहीं हो पाया है।

इसकी वजह से सोसायटी माड्यूल में रकबा ही प्रदर्शित नहीं हो पा रहा है।


अन्य पोस्ट