महासमुन्द

कसेकेरा स्कूल में अंधविश्वास और चमत्कार बनाम वैज्ञानिक जागरूकता कार्यशाला
29-Nov-2025 3:40 PM
कसेकेरा स्कूल में अंधविश्वास और चमत्कार बनाम वैज्ञानिक जागरूकता कार्यशाला

हैरतअंगेज वैज्ञानिक चमत्कार, विज्ञान के नवीनतम मॉडल से अवगत हुए बच्चे

च्छत्तीसगढ़ज् संवाददाता

महासमुंद, २९ नवंबर। बागबाहरा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय व हाई स्कूल कसेकेरा के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को अंधविश्वास और चमत्कार बनाम वैज्ञानिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भाग लिया और प्रतिभा दिखाई। कार्यशाला में संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा के संचालक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र गड़बेड़ा के युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर अपनी टीम के साथ हैरतअंगेज वैज्ञानिक चमत्कार विज्ञान के नवीनतम मॉडल से बच्चों को प्रैक्टिकल रूप से अवगत कराया।

वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा निरंतर अंधविश्वास को लोगों के मन से दूर करने के उद्देश्य से बैगा और पाखंडी बाबाओं के द्वारा किए जाने वाले चमत्कारों का वैज्ञानिक प्रदर्शन करके लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान एक्यूप्रेशर के द्वारा तत्काल सर्दी गायब करना, शरीर की नमी से किसी भी अंग में बल्ब जलाना, झूले से बिजली पैदा करना, गंगाजल से आग जलाना, सौर ऊर्जा से पंखा चलाना,फूलों का रंग बदलना, मुर्गी से अंडा और अंडा से मुर्गी बनाना आदि हाथ की सफाई और वैज्ञानिक चमत्कारों के संबंध में विस्तार से बताया।

बच्चों ने चमत्कार देख तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। इस वैज्ञानिक जागरूकता शिविर में उनके अनुसंधान केंद्र द्वारा बनाए गए एआई रोबोटिक्स मॉडल का प्रदर्शन भी किया गया। डॉ विजय शर्मा ने पूर्व छात्रों का उल्लेख करते हुए बताया कि आज वे वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन कर रहे है। यहां से कई पढक़र निकले छात्र वैज्ञानिक बन चुके हैं,जो न केवल छग का बल्कि देश-विदेश में नाम गौरवान्वित कर रहे हैं।

इस मौके पर विज्ञान व्याख्याता लोकेश्वर चंद्राकर, उच्च श्रेणी शिक्षक कोमन चंद्राकर, विज्ञान शिक्षिका कामाक्षी चंद्राकर, वरिष्ठ शिक्षिका लक्ष्मी साहू,जितेंद्र साहू, मोनेश देवांगन उपस्थित रहे। इस वैज्ञानिक जागरूकता शिविर में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम संचालक विज्ञान आश्रम ने बताया कि प्रश्न पूछने की शुरुआत ही विज्ञान है। हमें अपने-अपने क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टि कोण विकास के लिए सोचने समझने की आवश्यकता है।  कसेकेरा प्रधान पाठक डॉ. विजय शर्मा ने युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ेगी।


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