महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17नवंबर। गत 14 दिनों से हड़तालरत सोसायटी प्रबंधकों व डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने अपनी मांगों को लेकर स्थानीय लोहिया चौक में रविवार को अर्धनग्न होकर धरना प्रदर्शन किया। इनमें 5 जिले के कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से अर्धनग्न प्रदर्शन कर रोष जताया। प्रदर्शन में धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सहकारी समिति के कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 14 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हंै। अब हड़ताली प्रबंधक सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा सरकार को देंगे। इसके लिए कल धरना स्थल पर हस्ताक्षर भी कराया गया।
कर्मचारियों ने बताया कि यह आंदोलन उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी। अब तक सरकार की ओर से हड़ताली कर्मचारियों से किसी प्रकार का वार्तालाप नहीं किया गया है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वे धरने पर डटे रहेंगे। समितियों में वैकल्पिक रूप से कर्मचारियों की व्यवस्था शासन द्वारा किए जाने पर हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि अनुभवहीन लोगों को खरीदी कार्य में लगाने से धान खरीदी और प्रभावित हो जाएगी।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सभी कर्मचारियों को 12 महीने का नियमित वेतन, कम्प्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण, समितियों को प्रतिवर्ष 3.3 लाख का प्रबंधकीय अनुदान, सूखत का प्रावधान, धान परिवहन में देरी न होने पर शून्य शॉर्टेज पर प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया जाए। सेवा शर्तों में सुधार के साथ उचित वेतनमान और पेंशन का लाभ देने, काम के दौरान पर्याप्त सुरक्षा और कानूनी प्रावधान करने की मांगें शामिल हैं।
धान खरीदी के पहले दिन शनिवार को प्रशिक्षण में गैर हाजिर प्रभारी प्रबंधक और सहायकों पर एस्मा के तहत एफ आईआर की तलवार लटक रही है। शनिवार को पहले दिन कुछ सोसायटियों में आधी-अधूरी व्यवस्था के बीच खरीदी की गई। रविवार अवकाश था। आज सोमवार को ही सोसायटियों में धान खरीदी को लेकर की गई व्यवस्था का आंकलन हो संकेगा।
कहा जा रहा है कि डाटा एंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते खरीदी व्यवस्था प्रभावित हुई है। हालांकि जिला प्रशासन ने पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी के साथ-साथ पंचायत सचिवों को भी सोसायटियों में तैनात कर व्यवस्था सम्हालने की कोशिश की है और सभी को ड्यूटी पर आने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है। पटवारियों ने पहले ही दिन खरीदी में असमर्थता जता दी थी। खरीदी का अनुभव नहीं होने का कारण बताते हुए उन्होंने उपस्थिति नहीं दी थी। कल रविवार को वन प्रशिक्षण शाला में प्रभारी प्रबंधकों को धान खरीदी का प्रशिक्षण दिया गया। इसका भी बायकॉट करते स्थल के समीप ही गुरू गोविंद सिंह उद्यान में पटवारी जुटे रहे। इस वक्त प्रभारी प्रबंधक का पदभार सम्हालना है या नहीं इस बात को लेकर पटवारी असमंजस में है। उन्हें शासन निर्देश का इंतजार है। पटवारियों का कहना है कि वे अभी मतदाता गहन पुनरीक्षण, फसल कटाई प्रयोग, डिजीटल क्रॉप सर्वे, जनगणना के अलावा आय, जाति, निवास, वंशावली, बंटवारा, नमांतरण, सीमांकन प्रतिवेदनों का जवाब तैयार काम कर रहे हैं। अब उन्हें धान खरीदी करने से लेकर रोजाना के कई तरह के के नए काम से जोड़ा जा रहा है। उन्हें इस काम का कोई अनुभव नहीं है। है।


