महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,12 नवंबर। बसना विकासखंड से महज तीन किमी दूर स्थित कुड़ेकेल नाला में 20 साल पहले बनी पुलिया धंस गई है। इस नाले से होकर गुजरना अब खतरे से खाली नहीं है। इस रास्ते से अलग एक और रास्ता है, जिसमें 10 किलोमीटर दूर तक घुमाव है। बहुत से ग्रामीणों को 10 किलोमीटर दूर घूमकर गंतव्य तक जाना पड़ रहा है, लेकिन स्कूली बच्चे और कुछ ग्रामीण इसी पुलिया से हर दिन गुजरते हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि कुड़ेकेल नाले पर बनी यह पुलिया 4 साल पहले से ही धंस गई है। इसके बाद पुल में जगह-जगह लोहे की सरिया बाहर निकल आई हैं जो पुलिया से गुजरने वालों के लिए खतरा है। यह स्थिति बीते 4 साल से बनी हुई है। हालात यह है कि पोटापारा, मुड़पहार, बिछिया, सरायपाली, मेदनीपुर, परसकोल, जमड़ी, सिरको, केशरीपुर, शंकरपुर, मालीडीह समेत करीब 15 गांवों के हजारों लोगों को हर दिन जान जोखित में डालकर इस पुल से गुजरना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी जमड़ी, कुड़ेकेल, पोटापारा, मुड़पहार, बिछिया, परसकोल और चारभांठा के ग्रामीणों को होती है।
ग्रामीणों की प्रमुख मांग है कि कुड़ेकेल नाले पर स्थायी और मजबूत पुलिया का निर्माण तुरंत कराया जाए ताकि मानसून के दौरान होने वाली संभावित घटनाओं से बचा जा सके और ग्रामों का मुख्यालय से संपर्क सुचारू रूप से बना रहे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि शीघ्र मरम्मत कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो अधिकारियों, नेताओं और मंत्रियों का गांव में प्रवेश वर्जित कर दिया जाएगा।
मतदान बहिष्कार किया था, फिर भी मांग अनसुनी
(ग्रामीणों ने पिछली बार चुनाव में मतदान बहिष्कार तक किया था, पर उनकी आवाज अनसुनी रह गई। विधानसभा चुनाव के दौरान गांव में नेताओं का गांव में प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। ग्रामीणों ने पुलिया के बगल में ही सीमेंट की पाइप डालकर अस्थाई रास्ता बनाया है जो केवल गर्मी के मौसम में उपयोग में आता है। बरसात में यह रास्ता भी बंद हो जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि इस नाले पर बनी पुलिया गांवों को जोडऩे वाली जीवनरेखा थी, जो अब जानलेवा बन गई है। पुलिया के खस्ताहाल होने के चलते गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पा रही है।
कई बार मरीजों को खटिया पर लिटाकर लेजाना पड़ता है। कुड़ेकेल, अरेकेल से होकर बसना की दूरी 3 किमी है। लेकिन अब कुड़ेकुल पुल से रास्ता नहीं होने के कारण ग्रामीण 10 किलोमीटर दूर से आने जाने मजबूर हैं। इस मार्ग से रोज सैकड़ों ग्रामीण बसना, सरायपाली और अन्य क्षेत्रों के लिए आवागमन करते हैं। कुड़ेकेल, पोटापारा, बिछिया, मेदनीपुर, चारभांठा के स्कूली बच्चे हाईस्कूल पढ़ाई करने के लिए जान जोखिम में डालकर नाला पार कर बसना जाते हैं। बच्चों को बरसात के दिनों में पेंट उतारकर व सिर में पुस्तक रखकर नाला पार करना पड़ता है।
जल्द पुलिया निर्माण होगा शुरु-एसडीओ
इस संबंध में महासमुंद सेतु विभाग की एसडीओ प्रतिभा रात्रे ने कहा कि कुड़ेकेल में नई पुलिया का निर्माण होना है। जिसका टेंडर भी हो गया है। जल्द ही पुलिया निर्माण का कार्य शुरु हो जाएगा। ग्रामीणों को दिक्कतें न हो, इस हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।


