महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,12नवंबर। सप्ताहभर से सहकारी समिति के कार्यालयों में ताला लटका है। अब धान खरीदी होने में महज 4 दिन बचे हैं। टोकन तुंहर द्वार पोर्टल भी नहीं खुल रहा है। इससे किसान धान बेचने के लिए अपना टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं। प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के कर्मचारियों के 3 नवंबर से हड़ताल पर होने की वजह से धान फड़ की सफाई भी नहीं हो पाई है। जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने भी 12 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही है। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। किसानों का कहना है कि उनमें से कई का पंजीयन अभी भी नहीं हुआ है। कई किसानों का पंजीयन कैरी फॉरवर्ड नहीं हो पाया है। कई किसान एग्री स्टेक पोर्टल में अपने रकबे का मिलान नहीं कर पाए हैं। सहकारी समिति कार्यालयों में ताला लटकने से किसान मायूस होकर घर लौट रहे हैं। जिले में धान खरीदी 4 दिन बाद शुरू होना है, लेेकिन किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपना धान कैसे बेचेंगे। धान बेचने केलिए उन्हें टोकन कटवाना जरूरी है। टोकन 2 तरीके से काटे जाते हैं। पहल तरीका ऑनलाइन है। जिसमें पोर्टल फेल होने के कारण इसकी पूरी प्रक्रिया ही ठप हो चुकी है। दूसरा तरीका ऑफलाइन टोकन का है जो सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से नहीं कट रहे हैं।
कई उपार्जन केंद्रों में अब तक खरीदी से लेकर धान का स्टॉक रखने की व्यवस्था तक नहीं की जा सकी है। कई धान उपार्जन केंद्रों की तो सफाई तक नहीं हुई है।
ऐसे में बिना तैयारी धान खरीदी कैसे होगी, इसे लेकर किसान चिंतित हैं। वर्तमान में किसान धान की कटाई में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि शुरुआत में ही धान का टोकन नहीं काटा गया तो किसानों के सामने धान को रखने की समस्या पैदा हो जाएगी। कई किसान धान बेचने के लिए पंजीयन और टोकन कटाने के लिए सहकारी समितियों का संपर्क कर रहे हैं। लेकिन हड़ताल के कारण कर्मचारियों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है।


