महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 8नवंबर। क्षेत्र के किसानों के लिये यह अच्छी खबर है कि अब जिला सहकारी बैंक महासमुंद जो वर्तमान में रायपुर के अधीन है, वह अब स्वतंत्र जिला मुख्यालय का बैंक बनने वाला है।
जानकारी के अनुसार महासमुंद जिले में वर्तमान में रायपुर सहकारी बैंक की कुल 12 शाखाएं हैं। स्वतंत्र होने के बाद इसमें जिला गरियाबंद की 8 शाखाएं और जुड़ जायेगी। इससे जहां सहकारी कर्मचारियों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए रायपुर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बल्कि उनका काम भी महासमुंद जिला मुख्यालय में आसानी से हो जाएगा।
इस तरह बीते 40 सालों से महासमुंद में स्थित सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अब रायपुर से विभक्त होकर एक मुख्यालय बनेगा और यहां से बड़े कार्यों के लिए राजधानी हेड ऑफिस जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। रायपुर में यहां के किसानों का काम सप्ताह-दस दिनों में होता था,वह त्वरित हो सकेगा। इसके साथ ही गरियाबंद जिलावासियों को भी वर्तमान में छोट-छोटे कार्यों के लिए राजधानी रायपुर स्थित हेड ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
खासतौर पर जेसीबी लोन ट्रेक्टर लोन सहित 1 लाख से ऊपर के ऋण के लिये स्वीकृति दिलाने रायपुर जाना पड़ता है। यही नहीं वार्षिक लेखा,डाटा जांच,कर्मचारियों के स्थानांतरण, नगदी, स्टेशनरी, सील मुहर के लिये भी राजधानी पर ही आश्रित रहना पड़ता है। स्वतंत्र होने के बाद रायपुर जाने की बाध्यता समाप्त हो जायेगी। जिला बनने के बाद ही महासमुंद जिला में किसानों की संख्या में हर साल इजाफ ा हो रहा है। वर्तमान में महासमुंद सहकारी बैंक के अंतर्गत कुल 182 सोसायटियांंंंंंंं हैं जो प्रदेश भर का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही हर साल धान खरीदी में तथा ऋण वितरण में भी महासमुंद जिला नंबर 1 पर ही रहता है। ऐसे में इसे मुख्यालय बनाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। मालूम हो कि सहकारी बैंक का उद्देश्य किसानों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना है।
इस उद्देश्य को लेकर पं. वामन बलीराम लाखे ने 1912 में सहकारी बैंक की स्थापना की थी। वर्ष 1913 में इसे पंजीकरण प्रमाण मिला। इसके बाद से ही इसकी शाखाएं बढ़ती रही। मुनगासेर इसकी अब तक की रखी शाखा है। पूर्व में इसे को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के नाम से जाना जाता है जो अब सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित हो चुकी है।


