महासमुन्द

लोगों को काटने से पहले गाय व बछड़े को भी काटा
महासमुंद, 31दिसंबर। शहर के क्लब पारा इलाके में कल शाम एक पागल कुत्ते ने 21 लोगों को काट लिया। इनमें से एक युवती को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है, जबकि 20 घायल हैं। इससे पूरे क्लब पारा सहित इससे लगे मोहल्ले में दहशत का आलम व्याप्त हो गया है। लोगों ने कुत्ते को पकडऩे के लिये पालिका प्रशासन को सूचना दी। सूचना पर पालिका से सफाई कर्मियों की टीम कुत्ते को ढूंढने भेजी गई है, लेकिन रात 9.30 बजे तक कुत्ता कहीं भी नहीं मिला।
कुत्ते के हमले से घायल 10 लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया। जहां उन्हें एंटी रैबिज की डोज शुरू की गई है। बताया गया कि शहरवासियों को काटने के पूर्व इस कुत्ते ने गायत्री मंदिर के पास एक गाय व बछड़े को भी काटा है।
मिली जानकारी के अनुसार कल सुबह से ही इसे कुत्ते का आतंक था। यह कुत्ता आसपास के ग्रामों से लोगों को शिकार बनाता हुआ जिला मुख्यालय पहुंच गया। यहां कल शाम क्लब पारा, गायत्री मंदिर, पुराना मलेरिया ऑफिस के आसपास लगभग 7-8 लोगों को शिकार बनाया। रात 9 बजे तक इस कुत्ते के हमले से 21 लोग मेडिकल कॉलेज पहुंच चुके थे। जिन्हें एंटी रैबिज डोज दिया गया है।
जिला अस्पताल में मरीजों को अटेंड कर रहे डॉ. मनप्रीत सिंह, गायत्री साहू ने बताया कि सुबह से ही मेकाहम में डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। कल जिन्हें डॉग ने शिकार बनाया है इनमें अबजान खान 4 वर्ष, त्रयंबक बघेल 7 वर्ष, राकेश साहू 30 वर्ष, नमन12 वर्ष, माधव नेताम 23 वर्ष, नमन गाड़ा 11 वर्ष, कुमार श्रीवास्तव 47 वर्ष, रोहित पटेल 7 वर्ष, सोमिल जैन 35 वर्ष, निमेश दीवान 45 वर्ष, आयुष जैन 20 वर्ष सभी महासमुंद शहर के हैं।
इसके अलावा नोखे लाल ढीमर 23 वर्ष साराडीह, रोशनी ध्रुव 10 वर्ष बनसिवनी, भूमिसुता नाग 48 वर्ष बेदपाली, कीर्तिमान सागर 20 वर्ष कोसरंगी, आशीष सिन्हा 12 वर्ष चिंगरौद, शिव सिन्हा 19 वर्ष भलेसर, टोमेश ध्रुव 25 वर्ष झालखम्हरिया, गुंजन निषाद 20 वर्ष बिरकोनी, कपिल सोरी 18 वर्ष बागबाहरा, अश्वनी चन्द्राकर 36 वर्ष खैरा शामिल हैं।
गौरतलब है कि साल भर पहले तक लोग शहर में सुअरों की वजह से हलाकान हो चुके थे। जैसे-तैसे लोगों ने सुअरों से निजात पायी। लेकिन अब शहर भर में कुत्तों की बाढ़ आ चुकी है। शहर के नयापारा, इमलीभांठा, पुराना रावण भांठा, क्लब पारा, सुभाष नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, मौंहारी भांठा सहित अनेक एक मोहल्लों में एक बार फिर कुत्तों की संख्या बढ़ चुकी है। इस दिशा में आज तक न पालिका प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया और न ही पशु चिकित्सा विभाग ने। बीते 5 सालों में नगर पालिका में अनेक सीएमओ बदले लेकिन आवारा कुत्तों को लेकर किसी भी सीएमओ ने पहल नहीं की। सामान्यत: प्रदेश के नगर पालिकाओं में कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर डॉग केचर के रूप में उनकी नियुक्तियां की जाती है। लेकिन महासमुंद पालिका में एक भी प्रशिक्षित नहीं है और न ही कोई एक्सपर्ट हैं।
पालिका के सहायक राजस्व निरीक्षक एवं स्वच्छता प्रभारी दिलीप चन्द्राकर ने बताया कि हमारे पास एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से हमने कर्मचारियों को भेजा है। अब तक पता नहीं चल सका है कि खूंखार कुत्ता कहां गया। डॉ. बसंत माहेश्वरी मेडिकल सुप्रीटेंडेन्ट मेकाहाम का कहना है कि डॉग यदि रैबिज इन्फेक्टेड है तो उसे पकड़वाना अति आवश्यक है। यह जिस कुत्ते को काटेगा वह भी इन्फेक्टेड हो जाएगा। अब तक मेकाहम में लोगों का उपचार किया जा रहा है।
हमारे पास रैबिज के पर्याप्त डोजेस हैं।