महासमुन्द

सिग्नल शुरू करने पर रोक लगा देना शहर की द्वेषपूर्ण राजनीतिक को दर्शाता है-संदीप
10-Jan-2022 4:40 PM
सिग्नल शुरू करने पर रोक लगा देना शहर की द्वेषपूर्ण राजनीतिक को दर्शाता है-संदीप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,10 जनवरी।
महासमुंद के चौक चौराहों पर पालिका द्वारा लगाए गए ट्रेफिक सिग्नल को अब तक शुरू नहीं किया सका है। सिग्नल लगाने का काम पूरा हो चुका है। इस पर नगर पालिका के सभापति संदीप घोष का कहना है कि कोरोना संक्रमण की आड़ में नागरिकों को मिलने वाली ट्रैफिक सिग्नल की सुविधाओं से महरूम करना, और सिग्नल शुरू करने पर रोक लगा देना शहर की द्वेषपूर्ण राजनीतिक को दर्शाता है। इनका कहना है कि अक्सर देखा गया है कि शहर को जब-जब अच्छी व्यवस्था देने की कोशिश होती है तो कुछ राजनीतिकों की हाजमा बिगडऩे लगती है।

नगर पालिका के सभापति संदीप घोष ने एक प्रेस नोट में कहा है कि शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में शहर और नागरिकों को बेहतर व्यवस्था देने की कोशिश अगर नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर तथा सभी पार्षदों द्वारा किया जाता है तो कुछ नेताओं को बर्दाश्त नहीं होता। शहर को मिलने वाली ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था का शुभारंभ रोक लगा कर ऐसे नेताओं ने यह साबित कर दिया है। सालों की कोशिश के बाद ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था को कोरोना के नाम पर रोक लगा देना न्याय संगत नहीं है। जबकि ट्रैफिक सिग्नल नागरिकों की सुविधाओं के लिए स्थापित की गई है और उन्हें की सुविधाओं के लिए समर्पित किया जाना चाहिए।

इन्होंने कहा है कि ट्रैफिक सिग्नल के संबंध में कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और ट्रैफिक पुलिस से चर्चा की गई थी। शुभारंभ के बाद ट्रैफिक सिग्नल की जिम्मेदारी यातायात पुलिस को हेंड ओव्हर किया जाना था। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा और बचाव के लिए सिटी कोतवाली के सामने बिना मास्क के वाहन चालकों की धरपकड़ किया जा रहा है। कई दफा ऐसी स्थिति भी देखा गया है कि लोग तेज रफ्तार से वाहन चलाकर निकलते हैं। जिससे दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है।

इसी कार्य को नेहरू चौक स्थित ट्रैफिक सिग्नल के पास बेहतर तरीके से किया जा सकता है। वाहन रुकने पर लोगों को मास्क के लिए समझाईश दिया जा सकता है। इससे सडक़ दुर्घटना की संभावना कम हो सकती थी और यातायात दबाव भी कम होता।
 


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