महासमुन्द

बारिश में धान भीगने पर महासमुंद कलेक्टर को नोटिस
06-Jan-2022 5:59 PM
बारिश में धान भीगने पर महासमुंद कलेक्टर को नोटिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 6 जनवरी। बीते दिनों की बारिश से धान भीगने के मामले में मंत्री-मंडलीय उप समिति ने 6 जिलों के कलेक्टर को नोटिस जारी किया है, इसमें महासमुंद जिले का नाम भी शामिल है।

मालूम हो कि जिले के धान खरीदी केन्द्रों में धान को बारिश से बचाव के लिए कैप कव्हर, तालपत्री सहित विभिन्न इंतजाम के लिए पर्याप्त राशि सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई थी। इसके बावजूद करोड़ों का धान भीग गया। उठाव भी सही नहीं था लिहाजा खरीदे जा चुके धान को भारी नुकसान हुआ। जानकारी के मुताबिक जिस वक्त पानी गिरा, महासमुंद जिले की समितियों में 25 लाख क्विंटल धान रखा था। ये मात्रा बफ र लिमिट से भी अधिक थी।

जानकारी के मुताबिक अब तक 42 लाख क्विंटल धान खरीदी जिले में हो चुकी है और 45 हजार किसानों से 40 लाख क्विंटल खरीदना बाकी है। समर्थन मूल्य में धान की खरीदी एक दिसंबर से शुरू हुई है, जो चल रही है। अभी शासन से प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप 40 लाख क्विंटल धान की खरीदी शेष है। ये खरीदी समितियां मात्र 18 दिन में करेेंगी। विभाग के अफसरों का कहना है कि समय में पूरी खरीदी हो जाएगाी। सभी किसानों से धान खरीदेंगे। लेकिन बड़ी समस्या यह है कि खरीदे गए धान को रखेंगे कहां? समितियों में उठाव की रफ्तार एकदम कम है। समितियों में प्रत्येक दिन 1 से डेढ़ा लाख की खरीदी हो रहीं है, लेकिन उठाव मात्र 70 से 80 हजार क्विंटल का ही किया जा रहा है।

वर्तमान में जिले के 109 धान उपार्जन केंद्र ऐसे है जहां बफर लिमिट से भी अधिक धान जाम है। एक दो दिनों में यदि 2 से 3 लाख क्विंटलन का उठाव प्रतिदिन नहीं हुआ तो यहां खरीदी बंद हो सकती है। समितियों में धान रखने की जगह नहीं है और बारिश के आसार भी हैं। हालांकि प्रतिदिन खरीदी का लक्ष्य अब एक लाख 8 हजार से बढ़ाकर 2 लाख क्विंटल किया जा रहा है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए ढ़ाई लाख क्विंटल की खरीदी प्रतिदिन का जाएगी। यदि पर्याप्त उठाव नहीं हुआ तो दो तीन दिनों मेें खरीदी बंद हो सकती है। समिति अपनी लिमिट के हिसाब से टोकन काट रही है। समिति प्रबंधकों ने पहले ही विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उठाव 9 जनवरी तक पूरा नहीं हुआ तो 10 जनवरी को खरीदी का बहिष्कार करेंगे।


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