महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 जनवरी। महासमुंद जिले के ग्राम मालीडिह में प्रगतिशील किसान अरुण कुमार चंद्राकर के पास जरबेरा फूलों की एक मस्त बागान है। इस बागान में जरबेरा की 5 से अधिक किस्में हैं, जो रोजाना रायपुर, भुवनेश्वर, बरगढ़ के साथ राज्य से बाहर भेजी जाती हैं। फूलों की खेती से प्रगतिशील किसान अरुण कुमार 10-12 लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करा रहे हैं। मालीडिह पालीहाउस में पौधे लगाने के तीसरे महीने से फूलों का उत्पादन शुरू हो जाता है। इस वक्त रोजाना 500 से अधिक फूल खिलते हैं। रोजाना इस चुन चुन कर जरूरत के मुताबिक राज्य के बाहर अन्य शहरों में भेज दिया जाताहै। अरुण के मुताबिक यहां प्रतिदिन करीब 15 हजार की बिक्री हो जाती है।
किसान अरुण कुमार चंद्राकर के मुताबिक महासमुंद जिले में पहली बार अफ्रीकी मूल की जरबेरा फूल की खेती हो रही है। ग्राम मालीडीह में वे 8 महीनों से जरबेरा फूल की खेती कर रहे हैं। पहले एक एकड़ भूमि पर पालीहाउस के माध्यम से इसकी खेती शुरू की थी। जिसमें लगभग 40 लाख रुपए की लागत आई थी और इतने ही दिनों में फूलों के उत्पादन से सालाना लगभग 10 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है।