महासमुन्द

इस साल के अंत तक बागबाहरा सीएचसी में भी शुरू होगा हमर लैब
10 बेड का जिरियाट्रिक वार्ड होगा जो केवल बुजुर्गों के लिए होगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,1 जनवरी। वर्ष 1999 में चार कमरों में 30 बिस्तरों के साथ शुरू हुआ जिला अस्पताल 23 सालों के सफर में 330 बिस्तरों वाला अस्पताल हुआ है। इन सालों के भीतर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की बुनियादी सुविधाओं से लेकर चिकित्सा सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है। हॉस्पिटल में डायलिसिस, फिजियोथेरेपी, सोनोग्राफी, वायरोलॉजी लैब, डिजिटल एक्सरे मशीन, मोबाइल एक्सरे मशीन, सर्जरी आदि की सुविधा है। जानकारी मिली है कि आने वाले साल यानी मार्च 2022 तक स्वास्थ्य विभाग जिलेवासियों को अत्याधुनिक व बड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं देने जा रहा है। सीएमएचओ डॉ.एनके मंडपे का कहना है कि जिले के बागबाहरा सीएचसी में भी हमर लैब को मार्च 2022 अंत तक शुरू किया जाएगा। इससे अत्याधुनिक तरीके से लोगों की 130 प्रकार की स्वास्थ्य जांच हो पाएगी। उन्होंने बताया कि यहां 11 स्पेशियलिटी के साथ 35 विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हैं। इनमें मेडिसिन, सर्जरी, निश्चेतना, पैथालॉजी,स्त्री रोग, अस्थिरोग, ईएनटी, माइक्रोबायोलॉजी, पीडियाट्रिक स्पेशालिटी शामिल हैं।
इसी साल सेंसर युक्त फायर सेफ्टी यूनिट भी शुरू हो जाएगी। अस्पताल परिसर में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए इसे विशेष रूप से तैयार किया गया है। जिला अस्पताल में पानी की बचत के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जा रहा है। इससे यहां से निकलने वाले सीवेज के पानी को ट्रीट किया जाएगा। जिला अस्पताल में इस साल फिजियोथेरेपी यूनिट की स्थापना की जाएगी। यहां शारीरिक अक्षमताओं को दूर करने के लिए थेरेपी दी जाएगी। 20 वार्ड ऐसे होंगे जहां कोरोना संक्रमित मरीज रखे जाएंगे। 45 बेड का पोषण पुर्नवास केंद्र होगा जहां कुपोषित बच्चों की देख-रेख और उन्हें सुपोषित की श्रेणी में लाने के लिए 30 अतिरिक्त बेड बढ़ाए जा रहे हैं। 10 बेड का जिरियाट्रिक वार्ड होगा जो केवल बुजुर्गों के लिए होगा। यहां बुजुर्ग मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। यहां वृद्धजनों को ध्यान में रखकर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
इसकी घोषणा शासन स्तर पर पहले ही की चुकी है। अब स्वास्थ्य विभाग इसे मूर्त रूप देने में लगा हुआ है। महासमुंद स्थित जिला अस्पताल में महासमुंद ही नहीं बल्कि बलौदाबाजार जिले के कसडोल, बया, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर, छुरा से लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए सबसे अहम बात समय पर बीमारी का डायग्नोस हो जाना होता है। डाक्टरों का कहना है कि एक बार बीमारी पकड़ में आ जाए तो सटीक इलाज से मरीज को राहत मिलने लगती है। इसी उद्देश्य से जिले के सभी सीएचसी में हमर लैब व ब्लड बैंक की स्थापना की जा रही है। मार्च के अंत तक जिला अस्पताल और बागबाहरा सीएचसी में इसे शुरू कर लिया जाएगा। इसके बाद 130 प्रकार की जांच शुरू हो जाएगी।
वर्ष 1999 में जब जिला अस्पताल का हुआ गठन तो यह अस्पताल पुराने सीएचसी बिल्डिंग में ही चलता था। फिर वर्ष 2006 के जनवरी महीने में खरोरा स्थित नए भवन का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने किया। इसी साल 2006 में ही जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा शुरू की गई। फिर फरवरी 2011 में तत्कालीन कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल की देखरेख में कुपोषित बच्चों के लिए 10 बिस्तर का पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित हुआ। मई 2014 में आयुष विभाग में पंचकर्म चिकित्सा सुविधा की शुरुआत हुई और फरवरी 2015 में पोषण पुनर्वास केंद्र में 5 बिस्तरों का इजाफ ा कर दिया गया।
इस अस्पताल में मार्च 2015 में 20 बिस्तरों का पीडियाट्रिक वार्ड, अप्रैल 2015 में 12 बिस्तरों का नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई की स्थापना हुई। जून 2016 में डेंटल यूनिट शुरू किया गया। जुलाई 2017 में एनसीडी क्लीनिक स्थापना हुई और नवंबर 2017 में ऑडियोमेट्री कक्ष स्थापित किया गया। यहां नवंबर 2018 में डिजिटल एक्सरे मशीन लगी। अप्रैल 2020 में 51 बिस्तर का कोविड वार्ड बना। अप्रैल 2021 में यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया। पिछले साल 2021 के मई महीने में ऑक्सीजन युक्त मेडिकल वार्ड बनाया गया। कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए महासमुंद जिला अस्पताल में भी तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया। फरवरी में 10 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया।