महासमुन्द

इस साल भी खत्म नहीं हुई शहर की आधी आबादी की सबसे बड़ी समस्या
30-Dec-2021 6:20 PM
इस साल भी खत्म नहीं हुई शहर की आधी आबादी की सबसे बड़ी समस्या

जनवरी 2022 में सौगात मिलने की उम्मीद थी लेकिन यह मात्र सपना रह गया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 30 दिसंबर। महासमुंद शहर की आधी आबादी का सबसे  बड़ा टेंशन इस साल भी खत्म नहीं हुआ। इस ओवरब्रिज को अब तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाना था। राज्य के गृहमंत्री ने इसे एक महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश स्वतंत्रता दिवस को दिए थे। मई 2017 में इस ओवरब्रिज का काम शुरू हुआ था। भू.अर्जन व मुआवजा वितरण में विलंब से चार साल से काम प्रभावित हुआ। अब ओवरब्रिज निर्माण की लागत 10 से 15 करोड़ रुपए और बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक ओवरब्रिज निर्माण के लिए कुल 72 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। इसमें निर्माण व मुआवजा भी शामिल है। पिछले महीने नवंबर महीने तक ओवरब्रिज का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था और जनवरी 2022 में सौगात मिलने की उम्मीद थी लेकिन यह मात्र सपना रह गया।

इस वक्त तुमगांव चौक से महासमुंद की तरफ ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया। इसमें डामरीकरण, लाइटिंग और सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ है। इस रूट पर अभी ट्रेनों के आने से समय फाटक बंद हो जाने से गाडिय़ों की लंबी लाइन लग रही है। जाम से निकलने में लोगों को काफी समय लग रहा है। कभी-कभी गाडिय़ों की लाइन इतनी लंबी हो जाती है कि लोगों को ट्रैफिक से निकलने में 15-20 मिनट का समय लग जाता है।

बताना जरूरी है कि चार साल से जमीन अधिग्रहण और मुआवजा प्रकरण का पेंच फंसा रहा। राजस्व विभाग की उदासीनता के कारण ब्रिज निर्माण कार्य में तेजी नहीं आई। अब भी कुछ प्रकरण पेंडिंग हैं। इसी बीच कई कलेक्टर बदल गए पर किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। गृहमंत्री की फटकार के बाद जिला प्रशासन के काम में तेजी जरूर आई थी।

कोरोना संक्रमण से वर्ष 2020 व 2021 में ब्रिज का कार्य प्रभावित हुआ। कुशल मजदूरों के नहीं आने से महीनों तक काम अटका रहा। बहरहाल अंबेडकर चौक पर नाला का पानी डायवर्ट करने के लिए पाइप बिछाने का काम शुरू हो गया है। बाद इसके रिटर्निंग वॉल खड़ी की जाएगी। इस काम के खत्म होने के बाद पुराने पेट्रोल पंप तक काम शुरू होगा। इसमें 12 लोगों की जमीन ब्रिज की जद में आ रही है। दिसंबर तक मुआवजा प्रकरण क्लीयर होने की उम्मीद थी लेकिन नहींहो पाई। इसके निर्माण में देरी की वजह जानने ब्रिज निर्माण के दारोमदार अधिकारी एल डी महाजन से बातचीत की कोशि की गई लेकिन  कई कोशिशों के बाद भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।  


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