महासमुन्द

पहले से ही बारिश का अलर्ट जारी फिर भी धान को भीगने से नहीं बचा सके
30-Dec-2021 5:58 PM
पहले से ही बारिश का अलर्ट जारी फिर भी धान को भीगने से नहीं बचा सके

समितियां कह रहीं कि समय पर उठाव हो जाता तो धान नहीं भीगता, अधिकारी कह रहे बारिश को देखते हुए पहले से समितियों को अलर्ट कर दिया था

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 दिसंबर।
जिले में लगातार रुक-रुक कर बारिश से धान को बचाया नहीं जा सका है। कहीं तेज हवा से तिरपाल उड़ गया तो कहीं स्टेक से बाहर रखा धान भीगा हुआ पड़ा है। पिछले तीन दिनों से धान का उठाव भी रुका हुआ है। धान भीगने पर समितियां और अफसर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों के साथ खुद कलेक्टर डोमन सिंह धान को खराब होने से बचाने की जुगत में हैं। जिले में एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद कुल 37 लाख 33 हजार 589 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदे गए धान में से 10 लाख 38 हजार क्विंटल का उठाव हो गया है। वहीं उपार्जन केंद्र में 29 लाख 28 हजार 580 क्विंटल धान रखा हुआ है, जिसकी अधिकांश मात्रा भीग गई है। बारिश को देखते हुए पहले से समितियों को अलर्ट कर दिया गया था। इसके बावजूद धान कैसे भीगा,यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। समितियों के प्रबंधकों ने बारिश से धान को बचाने के लिए तिरपाल व कवर की व्यवस्था भी की थी। लेकिन तेज हवा और बारिश के चलते धान भीग गया।

बारिश की अलर्ट के बीच समितियों में बफर लिमिट पार होने व उठाव नहीं होने कारण अतिरिक्त धान जमा है, गलती किसकी है? इस बारिश से कितना धान भीगा और कितना खराब हुआ है, समितियों ने ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। आज भी समितयिों में धान के स्टैक के आसपास पाानी भरा है और वहां तक वाहनों को ले जाना और वाहनों में धान लोड करना नामुमकिन है। आगामी कुछ दिनों तक जब तक जमीन सूख न जाए धान का उठाव नहीं होगा।

शहर के नजदीकी बेलसोंडा खरीदी केंद्र में निकासी नहीं होने के कारण अभी भी पानी भरा हु्आ है। यहां भी धान भीगने पर समितियां और अफ सर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। बारिश के कारण कल बुधवार को जिले में धान की खरीदी बंद रही। उपार्जन केंद्र चौकबेड़ा में ड्रेनेज फेल हुआ और स्टैक के नीचे रखा धान भीगा धान भीग गया। उपार्जन केंद्र चौकबेड़ा की बफर लिमिट 7 हजार क्विंटल की है। लेकिन यहां करीब 12 हजार क्विंटल धान का स्टॉक है। ऐसे में अधिकांश धान स्टैक से नीचे जमीन पर पड़ा हुआ है। समिति के लोगों का कहना है कि लगातार धान के उठाव की मांग की गई। यदि समय पर धान उठाव होता तो नहीं भीगता।

उपार्जन केंद्र बेलसोंडा में निकासी की व्यवस्था नहीं होने से उपार्जन केंद्र में पानी भरा हुआ है। यहां परसों रात में तेज हवाओं के कारण स्टैक में रखे धान को ढंका गया तिरपाल उड़ गया था, जिसे कल सुबह ठीक किया गया। रात भर धान बारिश में भीगता रहा। समिति अध्यक्ष गंगाराम तारक कहते हैं कि क्षमता से अधिक धान यहां जाम है। 20 हजार क्विंटल धान है। समय पर उठाव होता तो नहीं भीगता।

यही हाल उपार्जन केंद्र बावनकेरा का है। यहां भी तेज हवा के चलते तिरपाल उड़ा और रात भर की बारिश में धान भीगते रहा। इस केंद्र में भी इस वक्त करीब 18 हजार क्विंटल धान है, जो खुले में पड़ा हुआ है और बारिश के कारण भीग गया है। केंद्र के अशोक साहू के मुताबिक उठाव में देरी होने के चलते धान का स्टॉक ज्यादा है। समय पर उठता तो नहीं भीगता।

मालूम हो कि जिलेभर में मंगलवार की रात से लेकर आज गुरुवार की सुबह 10 बजे तक रुक रुक कर बारिश जारी है। इससे उपार्जन केंद्रों में उपार्जित धान भीग गया। कई केंद्रों में पानी भर गया। कल बुधवार की सुबह बारिश थोड़ी देर थमी तो धान को ढंकने आदि की व्यवस्था होती रही। समिति के अधिकारी और विपणन विभाग के अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। विपणन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समितियों में कितना धान भीगा है, उसकी जानकारी मंगाई जा रही है। जो धान भीग चुका है, उसे मौसम खुलने के बाद सुखाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद ही मिलिंग के लिए व संग्रहण केंद्र में भेजा जाएगा। धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी समितियों की है। इसके लिए उन्हें कमीशन भी मिलता है। जबकि समितियों का कहना है कि धान का समय पर उठाव होता तो नहीं भीगता। कल बुधवार को धान खरीदी के लिए कुल 4552 टोकन काटा गया था। करीब 214254 क्विंटल धान की खरीदी की जानी थी। अब टोकन आगे के लिए फॉरर्वड कर दिया जाएगा।

(जिला प्रशासन का कहना है- जिले के सभी उपार्जन केन्द्रों में धान को बारिश से बचाने के लिए दिए गए निर्देशों पर त्वरित अमल किया जा रहा है। मौसम में हुए आकस्मिक परिवर्तन व वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत जिले के सभी धान उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण जिला स्तरीय अधिकारियों के द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है और धान के सुरक्षित रख-रखाव हेतु सभी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं। धान को बारिश से बचाने के लिए कैप कव्हर लगाए गए हैं और पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है। कलेक्टर डोमन सिंह ने धान को बचाने के लिए कैप कव्हर लगाने और उपार्जन केन्द्रों में पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। बनाये गये कंट्रोल रूम के माध्यम से भी सभी संबंधित जिला अधिकारियों से समन्वय कर धान के बेहतर व सुरक्षित रख-रखाव हेतु यथा-संभव समस्त आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं। मैदानी अमले द्वारा भी उपार्जन केन्द्रों की सतत् रूप से मॉनिटरिंग व पर्यवेक्षण किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी, धान खरीदी केंद्रों के लिए नियुक्त जोनल अधिकारियों को धान खरीदी केंद्र में भेजकर बारिश से समुचित बचाव की व्यवस्था की रिपोर्ट प्राप्त करने और जहां आवश्यकता है, आवश्यक व्यवस्था भी सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया है।


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