महासमुन्द

4 माह से महिला समूह का भुगतान नहीं, रेशम केंद्र बंद
29-Dec-2021 5:43 PM
4 माह से महिला समूह का भुगतान नहीं, रेशम केंद्र बंद

कोसा उत्पादन, निंदाई, कोड़ाई व सुताई का लाखों का भुगतान बाकी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 दिसंबर।
महासमुंद रेशम उत्पादन विभाग के उप संचालक और अन्य अधिकारयों मे तालमेल की कमी के चलते कोसा उत्पादन, निदंाई, कोड़ाई व सुताई का काम करने वाले महिला समूह का भुगतान नहीं हो पाया है। पिछले चार महीने से महिला समूह भुगतान को लेकर दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं। खट्टी रेशम केंद्र में इस साल कोसा उत्पादन का काम भी नहीं हुआ है। महिलाओं का कहना है कि जब तक केंद्रों में काम किए गए 12 लाख रुपए का भुगतान नहीं होता है, तब तक दुबारा कांम नहीं करेंगी। इन्हें कलेक्टर ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर जांच के बाद भुगतान कर दी जाएगी।

बताना जरूरी है कि खट्टी रेशम केंद्र में पिछले एक साल से काम बंद है। आरोप है कि यहां मनरेगा के तहत 14 लाख रुपए के कार्य के लिए स्वीकृत हुआ था लेकिन उप संचालक द्वारा काम नहीं कराए जाने के कारण वहां के महिला समूह को इसका लाभ नहीं मिल पाया। यहां करीब 10 हेक्टेयर में कोसा व कृमि पालन के लिए मनरेगा के तहत घेरा किया जाना था। उप संचालक की मनमानी के कारण यहां भी काम बंद पड़ा हुआ है। लिहाजा महिला समूह के सदस्यों ने कल कलेक्टर से इसकी शिकायत की तो कलेक्टर ने भुगातन का आश्वासन दिया है।
इस मामले में महिला समूह के भुगतान को लेकर रेशम विभाग के फि ल्ड अफसर पीके नागदेव का कहना है कि महिला समूह के द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान को लेकर उप संचालक को देयक बिल प्रस्तुत कर दिया है। लेकिन रेशम विभाग के उप संचालक आर के गुप्ता का कहना है कि महिला समूह के कार्यो का देयक बिल फिल्ड अफसर ने प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिए भुगतान नहीं हो पाया है। इनका कहना है कि पीके नागदेव रायपुर दफ्तर आकर उत्पात मचाकर सारे देयक बिल अपने साथ वापस ले गए।


अन्य पोस्ट