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महासमुंद में ओले, 23 लाख क्विंटल धान को बारिश से बचाने जुटे अफसर
29-Dec-2021 5:17 PM
महासमुंद में ओले, 23 लाख क्विंटल धान को बारिश से बचाने जुटे अफसर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 दिसंबर।
चक्रवाती हवाओं के कारण मंगलवार की रात से महासमुंद जिले में मौसम में बदलाव देखने को मिला। मंगलवार की रात से जिले में बारिश के साथ ओले भी गिरे।
बीती रात 8 बजे आंधी तूफान के साथ शुरू हुई बारिश अभी तक जारी है। इस वक्त जिले के धान खरीदी केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे करीब 23 लाख क्विंटल धान पड़े हुए हैं। हालांकि अधिकांश केन्द्रों में धान के स्टैक को तिरपाल से ढंकने की व्यवस्था जारी है लेकिन कितने किसानों के धान खलिहान में भीगते पड़े हैं इसका हिसाब किसी के पास नहीं है। कई समितियों में स्टैक के आसपास मैदान में पानी भरने की जानकारी मिल रही है।

समाचार लिखते तक सुबह के 10 बजे हैं और कई स्थानों से धान भीगने की सूचना मिल रही है। सूचना तो यह भी है कि कुछ स्थानों पर आंधियों ने धान के स्टैक से तिरपाल भी उड़ा दिए। जिले के भंवरपुर इलाके में रात जमकर ओले भी पड़े हैं।

कलेक्टर डोमन सिंह ने असामयिक बारिश की संभावना को देखते हुए कल शाम से ही जिले के अधिकारियों को सक्रिय कर दिये थे। वे खुद कल शाम बेमचा धान खरीदी केन्द्र पहुंचे और असामयिक बारिश को देखते हुए धान की सुरक्षित रख-रखाव और बचाव के सभी उपाय करने के निर्देश दिए थे।

मालूम हो कि जिले के उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के बाद स्टेक लगाकर बोरियों को रखा गया है। खुले आसमान के नीचे पड़ी बोरियों की वजह से धान का भीगना लगभग तय माना जा रहा है। केन्द्रों में खरीदी के बाद उठाव भी शुरू हो गया है, लेकिन धीमी गति और केंद्रों में अधिक आवक की वजह से जाम की स्थिति बन गई है। जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर 93 हजार 847 किसानों से 36 लाख 91 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें 13 लाख 20 हजार क्विंटल धान का ही उठाव हो पाया है और करीब 23 लाख क्विंटल धान केंद्रों से उठाव बाकी है।

कल रात महासमुंद जिले के भंवरपुर क्षेत्र में पानी के साथ-साथ ओले भी पड़े। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना पहले ही जता दी थी। हालांकि समितियों में बारिश से बचने के लिए कैप कवर की व्यवस्था पहले से की गई है, लेकिन बफर लिमिट होने के कारण समितियों में रखे धान को बचाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। कलेक्टर डोमन संह ने उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला स्तरीय नोडल अधिकारी, केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी व उपार्जन केंद्रों के नोडल अफसरों को अगामी दिनों में आकस्मिक वर्षा से धान को सुरक्षित रखने का निर्देश दिये हैं। अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर धान को सुरक्षित रखने कहा गया है। अधिकारी क्षेत्रांतर्गत संचालित धान उपार्जन केंद्रों में धान को कैप कवर व तिरपाल से ढंकने, जमा पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था करने में लगे हुए हैं।     

कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जिले के सभी धान उपार्जन केन्द्रों में बेमौसम बारिश के कारण धान खराब न हो, उसे ढंकने के लिए तिरपाल, पन्नी आदि के पुख्ता इंतजाम किये जायें। वे केन्द्रों में अब तक की धान खरीदी, उठाव और भुगतान की भी जानकारी लगतार लेरहे हैं। एसडीएम महासमुंद भागवत जायसवाल, जनपद पंचायत सीईओ शशिकांत कुर्रे धान खरीदी केन्द्रों पर नजर रखे हुए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के तमाम एसडीएम को उपार्जन केन्द्रों में भंडारित धान की सुरक्षित रख-रखाव और बचाव के संबंध में जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं, बचाव कार्य जारी है।
 


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