महासमुन्द

एक्सीडेंट होने पर नजदीक के अस्पताल, एंबुलेंस और पुलिस को एक्सीडेंट की जानकारी और जीपीएस लोकेशन पहुंचाएगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 दिसंबर। सडक़ दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों को कम करने और दुर्घटना स्थल से लेकर जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए महासमुंद की 2 बेटियों ने नया सिस्टम तैयार किया है। दोनों छात्राओं की ओर से तैयार इस सिस्टम को नीति आयोग की ओर से आयोजित एटीएल मैराथन 2020 प्रतियोगिता में टॉप 30 बेस्ट आइडिया के रूप में सिलेक्ट किया गया है। अब दोनों छात्राएं एक निजी कंपनी के साथ मिलकर इस सिस्टम को मूर्त रूप देने में लगी हुई हैं। कंपनी डेल के साथ पहले चरण में 9 दिवसीय वर्कशॉप पूरा हो चुका है।
बीते 14 से 22 दिसंबर तक डेल कंपनी के एक्सपट्र्स के साथ मिलकर दोनों छात्राओं ने अपने आइडिया शेयर किए और तैयार तकनीक के बारे में जानकारी दी। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलसोंडा में कक्षा 12वीं में पढऩे वाली पायल चंद्राकर और कक्षा 11 की सोनाक्षी भारती ने यह मॉडल को तैयार किया है। दोनों ने मिलकर अपने आइडिया से अटल टिंकरिंग लैब में काम किया और इस पर मॉडल तैयार कर दिल्ली में इसे प्रस्तुत किया। दोनों छात्राओं के प्रोजेक्ट को नीति आयोग ने काफी सराहा और देशभर के टॉप 30 आइडिया में सिलेक्ट किया। अब इसे बड़े स्वरूप में बनाने की तैयारी छात्राएं डेल कंपनी के एक्सपट्र्स के साथ कर रही हैं।
अपने आइडिया पर डेल कंपनी के साथ नौ दिनों तक इंटर्नशिप करने वाली छात्राएं पायल और सोनाक्षी ने बताया कि इस इंटर्नशिप में हमें साइंस, तकनीक को और भी ज्यादा गहराई से समझने का अवसर मिला। साथ ही अपने आइडिया पर कैसे प्रोडक्ट बनाना है और मार्केटिंग करना है.जैसे बिंदुओं को जानने का अवसर मिला। ऑनलाइन इंटर्नशिप में कंपनी के एक्सपट्र्स ने अन्य नए बिंदुओं पर भी विस्तार से जानकारी दी।
छात्राओं की इस उपलब्धि पर बेलसोंडा स्कूल के एटीएल के इंचार्ज व जिला नोडल अधिकारी जगदीश सिन्हा ने बताया कि छात्राएं अपने आइडिया को मूर्त रूप देने के लिए काम कर रही हैं। यदि वे सफल होती हैं तो यह आइडिया इनके नाम पर पेटेंट भी हो सकता है। वहीं शाला की प्राचार्य शोभा सिंहदेव भी इन छात्राओं की उपलब्धि पर इन छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए आगे भी तकनीक पर काम करने के लिए प्रेरित करती हैं।
(तकनीक यह है कि कार में एक सेंसर लगा होगा, जो एक्सीडेंट होने पर नजदीक के अस्पताल, एंबुलेंस और पुलिस थाने में एक्सीडेंट की जानकारी और जीपीएस लोकेशन उसे पहुंचाएगा। साथ ही सेंसर चालक के परिजन को भी मैसेज भेजेगा। अस्पताल को मिली सूचना पर तत्काल एंबुलेंस को भेजेगा जो जीपीएस ट्रैक करते हुए दुर्घटनास्थल पर पहुंचेगा। इसके बाद घायल को एंबुलेंस में बिठाने के साथ ही एंबुलेंस का सेंसर यातायात के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की डिमांड यातायात पुलिस को भेजेगी। इसका सर्वर डिजिटल ट्रैफिक सिग्नल को भी सौ मीटर दूर से मैसेज भेजकर अपने लिए ग्रीन सिग्नल की डिमांड करेगा जिससे मरीज सीधे अस्पताल पहुंच सकेगा।)
चयन इस तरह से हुआ
स्वीडन इंडिया नोबल मेमोरियल वीक के तहत नीति आयोग ने शी स्टेम किया था। इसमें स्टेम के क्षेत्र में बेहतर आइडिएशन के लिए स्वीडन और भारत के 4 पैनलिस्ट से चर्चा करने के लिए देश की 9 छात्राओं का चयन हुआ। इसमें आंध्रप्रदेश से 4, महाराष्ट्र से 2 केरल से 1 और छत्तीसगढ़ महासमुंद के बेलसोंडा स्कूल से पायल और सोनाक्षी का चयन हुआ था।