महासमुन्द

प्रार्थना सभा के लिए जगदीशपुर में सौ साल पहले बना था चर्च
25-Dec-2021 6:27 PM
प्रार्थना सभा के लिए जगदीशपुर में सौ साल पहले बना था चर्च

अमरीका से आए थे मिशनरी दंपत्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 25 दिसंबर। महासमुंद जिले के जगदीशपुर गांव में लगभग सौ साल पहले घनघोर जंगल में अमेरिका से कुछ लोग आकर मसीही धर्म को चर्चा में लाए। जनरल कॉन्फ्रेंस मेनोनाइट चर्च अमरीका के मिशनरी दंपत्ति रेव. सैमुअल टाइसन मोयर्स 1920 में जगदीशपुर आए।

जिले के साहित्यकार लोरिस गुरूजी इस बारे में बताते हैं कि संस्थापक दंपत्ति पहले चांपा आए और फिर वहां से जगदीशपुर पहुंचे थे। उन्होंने तत्कालीन फुलझर जमींदार राजा लाल बहादुर सिंह से सेवा कार्य प्रारंभ करने के लिए जमीन ली। वर्ष 1923 में जिले  में पहली बार मिट्टी के गिरजाघर बनाए गए, और आराधाना शुरू हुई। वर्ष 1950 में चर्च का नया भवन बना और 2005 में बेतेल मेनोनाइट चर्च की नई डिजाइन बनाई गई। इस गिरजाघर के निर्माण के समय अमरीकन मिशनरियों सहित अनेक लोगों ने सहयोग व परिश्रम किया था। मिशनरियों ने ही 1930 में प्राथमिक शाला व 1939 में मिडिल स्कूल खोला था। वर्ष 1945 में यही स्कूल जेनसन मेमोरियल एग्रीकल्चर हाईस्कूल के रूप में विकसित किया गया था। वर्तमान में बेतेल मेनोनाइट चर्च जगदीशपुर के पास्टर रेवरेन्ट मिकाइल सागर हैं।


अन्य पोस्ट