महासमुन्द

बिजली बिल जमा नहीं करने वाले बकायादारों पर बिजली विभाग ने शिकंजा कसना शुरू किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 दिसंबर। महासमुंद के सरकारी विभागों पर कुल करीब 22 करोड़ रुपए बिजली बकाया है। बिजली बिल जमा नहीं करने वाले बकायादारों पर बिजली विभाग महासमुंद ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यहां पहली बार ऐसा हो रहा है जब स्ट्रीट लाइट व अन्य कनेक्शन काटे जा रहे हैं। यदि विभाग बिल का भुगतान नहीं करेंगें तो बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई होगी। पहले चरण में विभाग स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काट रहा है। चाहे वो शहर का हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र का। डिवीजन इंजीनियर ने एसके बांस्कर ने कहा कि बकायादारों की सूची बढ़ती जा रही है, इसलिए कनेक्शन काट रहे हैं।
मालूम हो कि पिछले एक सप्ताह में शहर से लगे गृह निर्माण मंडल के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, चिंगरौद, बम्हनी, भुरका, परसकोल सहित अन्य गांवों की स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काट दिया गया है। महासमुंद शहर के अंदर पालिका के शंकराचार्य भवन व सुभाष नगर स्थित शुलभ शौचालय का बिजली कनेक्शन भी काटा जा चुका है। लेकिन सरकारी दफ्तरों में लाखों के बकाया के बावजूद बिजली नहीं काटी गई है।
महासमुंद के जल संसाधन विभाग में 1.17 लाख, राजस्व 1.17, पुलिस विभाग 6.78, वन विभाग 5.72, परिवहन 0.3, शिक्षा 37.01, स्वास्थ्य 86.46, आदिम जाति 15.92, कृषि 0.13, मत्सय 0.19, पीडब्ल्यूडी 1.31, पंचायत एवं ग्रामीण 1384.25, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी 0.75, ग्रामोद्योग-रेशम 0.16 लाख, महिला बाल विकास 22.93, वाणिज्यकर 0.25, उद्यानिकी 1.27, जिला व जनपद पंचायत 18-18, आबकारी 0.85, पशुपालन चिकित्सा 0.19, खाद्य 0.24, उच्च शिक्षा 0.61, छग सहकारी विपणन 0.08, सिविल कोर्ट 2.33, नपा जल प्रदाय 503.96, नपा सडक़ बत्ती 82.88, नपं जल प्रदाय 9.35, दूरभाष 0.83, विश्राम भवन 1.12, टाउनहाल 3.52, रेलवे 1.55, डाक विभाग 0.08, मौसम 0.07, अन्य 17.39 लाख रुपए बकाया है।
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सडक़ और गलियों में बिल नहीं भरने के कारण इन दिनों अंधेरा छाया हुआ है। बिजली विभाग के अफसरों के मुताबिक करीब 5-6 लाख रुपए का बिल बकाया है। बिल का भुगतान नहीं करने के कारण कनेक्शन काट दिया गया है। अंधेरा इसीलिए है। ग्रामीण एवं पंचायत विभाग का 1384.25 लाख बकाया है। इसीलिए गांवों की गलियों में भी अंधेरा है। इसमें पंचायतों के जल प्रदाय, गली बत्ती, स्ट्रीट लाइट सहित पंचायत दफ्तर का बिल बकाया गया है। भुगतान करने कहा गया है, लेकिन विभाग नहीं कर रहे हैं।