महासमुन्द

आरोपियों में पांच राजस्थान और एक सरायपाली का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 दिसंबर। चावल परिवहन के लिए बिल्टी कटाकर करोड़ों रुपए की खैर कत्था लकड़ी की तस्करी करने वाले 6 आरेापियों को सरायपाली पुलिस और साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। टीम ने दो कंटेनर से 1.05 करोड़ रुपए कीमत की 421 क्विंटल खैर प्रजाति की लकड़ी जब्त की है। पकड़े गए आरोपियों में से पांच राजस्थान और एक सरायपाली का रहने वाला है। इसी मामले में महासमुंद पुलिस ओडिशा के एक अन्य व्यक्ति की तलाश कर रही है।
मामले का खुलासा करते सरायपाली एसडीओपी विकास पाटले ने बताया कि खैर लकड़ी की तस्करी के आरोप में ग्राम ओदीकापरा थाना सदर धौलपुर राजस्थान निवासी भगवान सिंग त्यागी (42), मनसुख (58), ओमप्रकाश कुशवाहा (45), ग्राम मनिकापुरा थाना मनिया जिला धौलपुर राजस्थान निवासी शिवसिंह (27), रामप्रकाश कुशवाहा (25), सरायपाली निवासी अविनाश उर्फ सन्नी चावला को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा इस पूरे मामले में सरायपाली व ओडिशा के कुछ और लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। जिनकी जांच और पतासाजी की जा रही है।
एसडीओपी ने बताया कि नेशनल हाइवे के रास्ते ओडिशा से अवैध इमारती लकड़ी की तस्करी होने की सूचना लगातार मिल रही थी। बीते 21 दिसंबर को मिली सूचना पर साइबर सेल व सरायपाली पुलिस की संयुक्त टीम ने सागरपाली नेशनल हाईवे-53 स्थित एक ढाबे के पास कंटेनर क्रमांक आरजे 11 जीबी 5063 को रोक कर चेक किया। वाहन में तीन लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि कंटेनर में चावल लोड है। टीम ने जब कंटेनर की जांच की तो अंदर खैर कत्था लकड़ी का गोला पाया। इसमें करीब 20.350 किग्रा 203 क्विंटल लकड़ी थी जिसकी अनुमानित कीमत 50 लाख 75 हजार रुपए आंकी गई है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने एक अन्य कंटेनर की जानकारी भी दी तो टीम ने कृष्णा पैलेस होटल भंवरपुर रोड सरायपाली के पीछे से कंटेनर क्रमांक आरजे 11 जीबी 8698 को कब्जे में लिया। जांच पर कंटेनर से 17.820 किग्रा 178 क्विंटल अनुमानित कीमत 44 लाख 50 हजार रुपए और खुले में पड़ी 40 क्विंटल लकड़ी अनुमानित कीमत 10 लाख रुपए बरामद किया।
थाना प्रभारी आशीष वासनिक ने बताया कि सरायपाली के रहने वाले अविनाश चावला व ओडिशा का एक व्यक्ति जो फिलहाल फरार है, इन दोनों का पार्टनरशिप है। ये दोनों ओडिशा क्षेत्र से खैर लकड़ी की चोरी कर ट्रांसपोर्टर से कंटेनर किराए पर लेकर राजस्थान और अंबाला तक इसकी तस्करी करते हैं। दोनों ने लॉकडाउन के पहले एक खेप राजस्थान के ऊना स्थित फैक्ट्री में भेजा था। दूसरी बार फिर से ये दोनों तस्करी को अंजाम दे रहे थे। इस बार लकडिय़ों को अंबाला हरियाणा ले जा रहे थे। खैर लकड़ी से कत्था निकला जाता है। देश में हरियाणा के अंबाला व राजस्थान के ऊना क्षेत्र में इसकी फैक्ट्री है।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि इस बार की खेप हरियाणा के अंबाला स्थित कत्था फैक्ट्री भेजी जानी थी। जानकारी के अनुसार ओडिशा में खैर लकड़ी की कटाई व बिक्री प्रतिबंधित है। जबकि अन्य राज्यों में इसकी काफी डिमांड है। पिछले कई दिनों से लकड़ी की तस्करी के संबंध में सूचना मिल रही थी। इसी सूचना को पुख्ता करने के लिए पुलिस की टीम ने राजस्थान के ऊना स्थित कत्था फैक्ट्री में संपर्क कर पूछताछ की। टीम को लीड मिली और पता चला कि ओडिशा से छत्तीसगढ़ के रास्ते राजस्थान और पंजाब में भारी मात्रा में खैर प्रजाति की लकड़ी की तस्करी की जाती है। पुलिस को पुख्ता सूचना मिलते ही टीम ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की थी।