महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 दिसंबर। किसानों से जल्द से जल्द धान खरीदी करने और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए समितियों में खरीदी की लिमिट बढ़ा दी गई है, लेकिन समितियों से खरीदे गए धान के उठाव की रफ्तार अभी भी काफी धीमी है। बुधवार की स्थिति में कुल 101धान खरीदी केंद्रों में बफ र लिमिट से अधिक धान जमा है। वहीं 16 ऐसे धान खरीदी केंद्र हैं, जहां 1 लाख 85 हजार 972 क्विंटल से अधिक धान जाम है। जिला खाद्य अधिकारी नितीश त्रिवेद्वी कहते हैं-इस सप्ताह किसानों को राहत देते हुए उपार्जन केंद्रों की लिमिट बढ़ा दी गई है। उपार्जन केंद्रों में धान की आवक तेजी से हो रही है। जहां बफर लिमिट से अधिक धान जाम है वहां उठाव तेजी से हो रहा है। एक दो दिन में सभी उपार्जन केद्रों से उठाव कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। जिले के 152 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी चल रही है। इसमें 28 लाख 31 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। इसमें से मिलर्स ने करीब 6 लाख 82 हजार क्विंटल धान का उठाव मिलिंग के लिए कर लिया है। वहीं 1 लाख 10 हजार क्विंटल धान को संग्रहण केंद्र में रखने के लिए उठाव कर लिया गया है। अधिकारी की मानें तो उठाव का काम चल रहा है। आने वाले दिनों में बफर लिमिट जैसे स्थिति नहीं बनेगी।
गौरतलब है कि इस बार उसना चावल सेंट्रल ने लेने से मना कर दिया है। अरवा चावल की डिमांड सेंट्रल से है। इसके चलते उसना मिलर्स भी अरवा मिलिंग के लिए अब अपना अनुबंध करा रहे हैं। वर्तमान में 124 मिलर्स के द्वारा उठाव किया जा रहा है। वहीं ठेकेदार के द्वारा संग्रहण केंद्र में भी धान पहुंचाया जा रहा है। अभी तक 28 लाख 31 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। मिलर्स को 9 लाख 32 हजार क्विंटल धान का उठाव करने के लिए कह दिया गया है।
जानकारी के अनुसार जिले में 16 ऐसे धान खरीदी केंद्र हैं, जिनमें 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम है। इनमें धान खरीदी केंद्र लंबर में 14600 क्विंटल, नर्रा में 14444, सरकाड़ा चनाट में 14300, सांकरा में 12000, सोनासिल्ली में 11125, पटेवा में 11020, कोटद्वारी बलौदा में 11900, अछोला में 11813, बोंदापाली में 10300, केंदुवा में 10732, भस्करापाली में 10000, बड़ेसाजापाली में 10600, भंवरपुर में 11005, बिछिया में 10919, झलप में 11100, नवरंगपुर में 10114 क्विंटल धान बुधवार की स्थिति में जाम है। इसके साथ ही जिले के 85 उपार्जन केंद्र ऐसे हैं, जहां उनकी स्टोरेज क्षमता से अधिक धान जाम है।