महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 दिसंबर। मेरी मां को खून की जरूरत पड़ी तो एक मुस्लिम ने दिया। खून तो जाति धर्म नहीं पूछता। एक शरीर से दूसरे शरीर में मिल जाता है। हम सब मानव हैं। गुरूघासी दास बाबा के बताए रास्ते पर चलते हुए हम अपने गांव, शहर और समूचे छत्तीसगढ़ को समावेशी विकास के ओर आगे ले जा रहे हैं। शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर, हर प्रोफेशन में सर्व जाति-धर्म के लोग काम कर रहे हैं और सब मिलकर छत्तीसगढ़ को आगे ले जा रहे हैं। उक्त बातें छग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष व पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर ने ग्राम छिंदौली में गुरू घासीदास बाबा की जयंती अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।
उन्होंने कहा कि गुरूघासीदास बाबा ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया, मानवता और समानता की बात कही। बाबा ने यह संदेश उस समय दिया था, जब समाज में असमानता व एक दूसरे से घृणा का भाव था। आज समाज में गांवों में कई जाति-पंथों के लोग एक साथ बसते हैं। एक-दूसरे के साथ प्रेमभाव से रहते हैं। यह बाबा गुरू घासीदास और इनके जैसे महान संतों की विचारधारा से प्रेरित बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की देन है कि आज सबको समान अधिकार प्राप्त है।
सभा को मोहित ध्रुव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में पंथी गीतों की अनुगूंज और जयकारे के साथ पूजा.अर्चना कर जैतखाम में पालो चढ़ाया गया।
इस अवसर पर निगम अध्यक्ष चंद्राकर के प्रतिनिधि नारायण नामदेव, सोनू राज, रामकुमार जोगी, अश्वनी कुमार टोंड्रे, नरेंद्र कौशिक, राजा खोसा, सागर पटेल, बलराम ध्रुव, भीम सोनी, गजेंद्र कुर्रे, जीवन जोगी, गंगू ठाकुर, जगत देवदास, टोमन जोगी सहित ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।