महासमुन्द

एनएच-353 पर बैंकों के बाहर 20 फीट की सडक़ महज 15 फीट की हो जाती है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 अक्टूबर। महासमुंद-रायपुर रोड पर स्थित बैंकों के सामने शहर की यातायात व्यवस्था दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। बैंकों के बाहर पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से आमजन काफ ी परेशान हैं। पार्किंग नहीं होने के कारण बैंकों में आने वाले ग्राहकों की गाडिय़ां सडक़ पर खड़ी होती है और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। हालात यह है कि एनएच-353 में डिवाडर के दोनों ओर स्थित बैंकों के बाहर वाहनों की वजह से 20 फीट की सडक़ महज 15 फ ीट की हो जाती है।
बैंकों के बाहर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पिछले दो सालों में चार बैठकें हो चुकी हंै। हर बैठक में एक ही फैसला लिया जाता है कि बैंकों के बाहर सडक़ पर गाडिय़ां खड़ी नहीं होंगी और इसे तत्काल लागू किया जाएगा और ऐसा नहीं करने पर बैंकर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पिछले दो सालों में हुई बैठकों के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। अब भीबैंकों के बाहर वाहनों की वजह से सडक़ का आधा हिस्सा जाम हो जाता है।
मालूम हो कि शहर में मुख्य सडक़ पर 9 बैंकों की शाखाएं संचालित हो रही है। स्थानीय बग्गा चौक से लेकर एलआईसी बिल्डिंग तक एनएच-353 के किनारे ये बैंक संचालित हैं। इनमें से अधिकांश बैंकों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। सबसे ज्यादा परेशानी बस स्टैंड के सामने होती है। यहां बसों का आना-जाना लगा रहता है और सडक़ के दोनों ओर 4 से अधिक बैंक संचालित हैं। इसी तरह बीटीआई रोड में भी एक निजी बैंक की शाखा है।
यातायात की समस्या पर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि प्रशासन का रवैया इस मामले में काफी ढीला है। पिछली बैठक में भी अफसरों को निर्देश दिए गए थे, पार्किंग व्यवस्था बनाने के लिए बकायदा प्लानिंग की गई थी। पर यहां प्लानिंग सिर्फ प्लानिंग की जाती है, उस पर अमल नहीं किया जाता। पालिका लगातार अपना काम कर रही है, लेकिन प्रशासन के लचीलेपन के कारण यातायात व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है।
इस मामले में एडिशनल एसपी मेघा टेंभुरकर कहती हैं कि पूर्व में बैंकों के अधिकारियों की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सडक़ पर गाडिय़ां खड़ी नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा हो रहा है तो अब अंतिम बार समझाइश देकर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
नगर पालिका सीएमओ एके हालदार का कहना है कि पार्किंग की समस्या तो है और इसके समाधान के लिए बात चल रही है। पुलिस प्रशासन के सहयोग से इसका हल निकाला जाएगा। इसके लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी और इस बार जारी किए जाने वाले निर्देशों का पालन कराया जाएगा।
लीड बैंक अफसर अनुराग श्रीवास्तव का इस मसले पर कहना है कि पार्किंग का मसला संबंधित बैंक मैनेजमेंट के भीतर आता है। इस संबंध में उन्हें ही निर्णय लेना है। कोई भी बैंक जब भी निजी मकान पर शाखा शुरू करने के लिए एग्रीमेंट करता है तो उसे पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए।
यातायात विभाग के डीएसपी राजेश देवांगन ने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा। फिर से बैंकर्स की बैठक लेंगे और यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद भी व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो कार्रवाई की जाएगी।