महासमुन्द

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश का पालन नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 सितम्बर। एनजीटी के स्पष्ट निर्देश कि बारिश के सीजन में 15 जून से 30 सितंबर तक किसी भी नदी से रेत का उत्खनन न किया जाए, के बावजूद महासमुंद जिले में यह नियम लागू नहीं हुआ है। लिहाजा जिले की अधिकतर नदियों से रेत का अवैध उत्खनन लगातार जारी है। जिले की महानदी, सूखा नाला, बगनई नाला, जोंक नदी से रोजाना सैकड़ों की संख्या में गाडिय़ां रेत लेकर बाहर निकल रही हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है।
महासमुंद शहर से लगे ग्राम घोड़ारी और चिंगरौद में महानदी से रेत की चोरी धड़ल्ले से जारी है। यहां रोजाना ट्रैक्टरों के जरिए रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। शुक्रवार को भी चिंगरौद और हथखोज में महानदी से ट्रैक्टर के जरिए रेत की चोरी की जा रही थी। इसी तरह कल सुबह घोड़ारी में महानदी के ब्रिज के नीचे से रेत निकाली जा रही थी।
मामले में जिला खनिज अधिकारी एचडी भारद्वाज कहते हैं कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। आपसे जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर अभी टीम भेज देता हूं। पहले भी इस तरह की शिकायतें आई हैं और शिकायतों पर टीम भेजी जाती है। लेकिन तब तक वे भाग जाते हैं। रेत का अवैध उत्खनन न हो, इसके लिए हम पूरी तरह से प्रयासरत हैं।
बारिश के सीजन में डंप रेत के कारोबार की अनुमति
खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के सीजन में 15 जून से 30 सितंबर तक रेत उत्खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है। एनजीटी के निर्देशानुसार बारिश के सीजन में नदियों में खनन नहीं किया जाना चाहिए। वहीं इस दौरान रेत की कमी न हो, इसलिए बारिश के पहले विभाग रेत डंप करने की नियमानुसार अनुमति प्रदान करती है। महासमुंद जिले में भी कई स्थानों पर रेत डंप करने की अनुमति प्रदान की गई है।
मालूम हो कि सांकरा जोंक नदी में भी रेत का अवैध उत्खनन जारी है। जानकारी के अनुसार जोंक नदी से भी रोजाना बड़ी संख्या में ट्रैक्टर के जरिए रेत निकाली जा रही है। अल सुबह यहां नदी में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर उतारे जाते हैं और रेत का खनन किया जाता है। इसके बाद ट्रैक्टरों के जरिए ही रेत को बड़ी हाइवा में ट्रांसफर कर दिया जाता है।