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आरोप कि पार्टी को पूरी तरह से हाइजैक कर लिया है
नेपाल की सत्ताधारी 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक बुधवार को शुरू हुई. इस बैठक में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों प्रमुखों प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड के बीच मतभेद खुलकर सामने आए.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नेपाल की इस सत्ताधारी पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी में कुल 45 सदस्य हैं और अतीत में इसकी बैठक दो बार टाली जा चुकी है.
आख़िरकार बुधवार को यह बैठक शुरू हुई. ओली पर आरोप लग रहे थे कि उन्होंने पार्टी को पूरी तरह से हाइजैक कर लिया है. पीएम ओली पर इस बैठक को तत्काल बुलाने का दबाव था.
ओली सरकार पर यह भी आरोप लग रहा है कि वह न केवल पार्टी बल्कि सरकार को मनमाने ढंग से चला रहे हैं. ओली ने स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में बुधवार को बोलना शुरू किया था और आज यानी गुरुवार को भी बोलेंगे.
ओली ने इस बैठक में कहा कि उनकी सरकार बढ़िया काम कर रही है और नेपाल में समाजवाद लाने की कोशिश कर रही है. ओली ने राष्ट्रवाद को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई. ओली ने प्रचंड से कहा कि वो उन्हें अपमानित कर अपना कद नहीं बढ़ा सकते हैं. प्रचंड प्रधानमंत्री ओली पर हमलावर रहे हैं.
अख़बार के अनुसार प्रचंड ने बुधवार को संकेत दे दिए हैं कि वो बैठक में कई मुद्दो को लेकर हमलावर रहेंगे. प्रचंड ने कहा है कि अहंकार के कारण पार्टी पार्टी की प्रतिबद्धता को किनारे किया जा रहा है.
पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ के अनुसार स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में कोविड-19, सीमा विवाद, सरकार के काम और मिलेनियम चैलेंज कॉर्पोरेशन पर बात होगी. उन्होंने कहा कि इस बैठक में नागरिकता बिल पर भी बात होगी. हालांकि बुधवार को किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई. बैठक के पहले दिन पुष्प कमल दहाल प्रचंड और पीएम ओली के बीच मदभेद सतह पर आ गए.
अपने उद्घाटन भाषण में ओली ने प्रचंड और पार्टी के सीनियर नेता माधव कुमार नेपाल पर पार्टी के भीतर अपने ख़िलाफ़ गुटबंदी बढ़ाने का आरोप लगाया. ओली ने कहा कि गुटबाजी के कारण पार्टी के भीतर अहम मुद्दों पर भी सहमति नहीं बन पा रही है. ओली पर भी आरोप लगे कि वो पार्टी के भीतर और सरकार में मनमानी कर रहे हैं. (www.bbc.com)