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नयी दिल्ली, 20 नवंबर। कांग्रेस ने अमेरिका संसद से संबंधित एक रिपोर्ट में कथित तौर पर उल्लेखित कुछ बातों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि यह भारत की कूटनीति के लिए एक और बड़ा झटका है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस की यह रिपोर्ट भारत के लिए स्वीकार्य नहीं है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग ने हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस को अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी है। अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा द्वारा संयुक्त रूप से गठित आयोग में 12 स्वतंत्र सदस्य हैं।"
उन्होंने कहा, ‘‘2025 की वार्षिक रिपोर्ट लगभग 800 पृष्ठों की है। पृष्ठ 108 और 109 के अनुभाग बिल्कुल आश्चर्यजनक और समझ से परे हैं।’’
रमेश ने दावा किया कि इस रिपोर्ट में अप्रैल 2025 में पाकिस्तान द्वारा कराए गए पहलगाम आतंकी हमले को 'विद्रोही हमला' बताया गया है तथा चार दिवसीय संघर्ष में 'भारत पर पाकिस्तान की सैन्य सफलता' की बात की गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "(अमेरिकी) राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप ने (अब तक) 60 बार दावा किया है कि उन्होंने ऑपरेशन सिन्दूर को रूकवाया । प्रधानमंत्री ने (इस पर) पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।"
रमेश का कहना था कि अब अमेरिकी कांग्रेस के अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा आयोग की यह रिपोर्ट आई है जो भारत के लिए बिल्कुल अस्वीकार्य है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय इस पर आपत्ति और विरोध दर्ज कराएंगे?
रमेश ने दावा किया कि देश की कूटनीति को एक और करारा झटका लगा है।
उन्होंने ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता संबंधी दावा एक बार फिर किए जाने का हवाला देते हुए सरकार पर कटाक्ष किया।
रमेश ने कहा, ‘‘अमेरिकी कांग्रेस द्वारा गठित एक स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट जारी होने के कुछ ही घंटों बाद-जिसमें दावा किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने 'भारत पर सैन्य सफलता हासिल की'-अमेरिका के राष्ट्रपति ने 61वीं बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत पर 350 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगाने की धमकी देकर ऑपरेशन सिंदूर को खत्म कराया था।’’
रमेश का कहना है, ‘‘उन्होंने यह दावा कल अमेरिका-सऊदी अरब सम्मेलन के दौरान भी दोहराया था, जिसमें सऊदी अरब के वली अहद (युवराज) भी मौजूद थे।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने इस साल मई में शुल्क (टैरिफ़) की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।
भारत लगातार यह स्पष्ट करता रहा है कि इस साल मई में पाकिस्तानी सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा संपर्क किए जाने पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर विचार हुआ था। (भाषा)


