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वर्षा जल संचयन और सामुदायिक भागीदारी के लिए बिलासपुर को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
19-Nov-2025 11:53 AM
वर्षा जल संचयन और सामुदायिक भागीदारी के लिए बिलासपुर को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 19 नवंबर। जल संरक्षण के क्षेत्र में बिलासपुर जिले द्वारा पिछले एक वर्ष में किए गए प्रभावी और नवाचारी कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। जिले को छठवां राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मौजूदगी में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने यह सम्मान प्रदान किया। जिला प्रशासन की ओर से जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने पुरस्कार ग्रहण किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए जिला प्रशासन को बधाई दी। दोनों नेताओं ने जल संरक्षण और पर्यावरण सुधार से जुड़े प्रयासों को आगे और तेज गति से जारी रखने की आवश्यकता बताई।

कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में बिलासपुर जिले ने जल शक्ति अभियान के ईस्ट ज़ोन कैटेगरी-03 में प्रथम स्थान हासिल किया। जिले में वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्धार, बोरवेल रीचार्ज, जलग्रहण विकास और व्यापक वनरोपण जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 21 हजार 058 कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए। इनमें नए तालाब निर्माण, पुराने तालाबों का गहरीकरण, सामुदायिक व व्यक्तिगत डबरी निर्माण, रिचार्ज पिट, कुओं और पुराने जल स्त्रोतों का पुनर्जीवन शामिल रहा। इन सभी कार्यों की सटीक डाटा एंट्री और सत्यापन के बाद बिलासपुर ने देशभर में 11वां स्थान प्राप्त किया, जिसके साथ 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी मिली।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इसे जिले के भविष्य के लिए फायदेमंद अभियान बताते हुए जिला पंचायत सीईओ संदीप कुमार अग्रवाल को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी। जनपद पंचायतों, ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय निकायों ने मिलकर अपने-अपने दायित्वों को निष्ठा से निभाया। इस सामूहिक प्रयास ने बिलासपुर का नाम राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज हो सका।

जल शक्ति अभियान 1 जुलाई 2019 को पानी की कमी और जल संरक्षण की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। शुरुआत में इसे जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में लागू किया गया, जिसमें वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन पर विशेष ज़ोर था। वर्ष 2024-25 में इसे पूरे देश में लागू किया गया, जिसमें बिलासपुर जिले ने अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया।


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