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झारसुगुड़ा को मिला 4सी एयरपोर्ट, बिलासपुर क्यों उपेक्षित?
19-Nov-2025 11:52 AM
झारसुगुड़ा को मिला 4सी एयरपोर्ट, बिलासपुर क्यों उपेक्षित?

संघर्ष समिति का आरोप- केंद्र व राज्य सरकारें जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 19 नवंबर। बिलासपुर एयरपोर्ट को 4सी श्रेणी में अपग्रेड करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा है कि छह साल से लगातार आंदोलन और हाई कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा किए गए वादों के बावजूद अब तक न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने एयरपोर्ट विस्तार के लिए धनराशि देने का फैसला लिया है। समिति का आरोप है कि दोनों सरकारें मिलकर बिलासपुर की जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही हैं।

समिति ने पड़ोसी राज्य ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि भुवनेश्वर और कटक जैसे बड़े शहरों के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट होने के बावजूद झारसुगुड़ा जैसे अपेक्षाकृत छोटे शहर में 4सी श्रेणी का एयरपोर्ट बनाया गया। झारसुगुड़ा की आबादी जहां लगभग 2 से 3 लाख है, वहीं बिलासपुर शहर की आबादी ही 6 से 7 लाख के आसपास है, और पूरे जिले की कुल जनसंख्या 20 लाख से अधिक है।

इसके साथ ही समिति ने बताया कि झारसुगुड़ा को संबलपुर, राउरकेला, सुंदरगढ़, रायगढ़ और कोडरमा जैसे जिलों का यात्री आधार मिलता है। इसके मुकाबले बिलासपुर संभाग में आठ जिले आते हैं, जिनके साथ बेमेतरा, बलौदा बाजार, मध्य प्रदेश के बालाघाट, डिंडोरी, अनुपपुर और सरगुजा क्षेत्र के कई जिले भी बिलासपुर एयरपोर्ट के करीब पड़ते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या और भौगोलिक पहुंच होने के बावजूद 4सी अपग्रेड में हो रही देरी को समिति अन्याय मानती है।

समिति ने बताया कि 2018-19 से ही झारसुगुड़ा एयरपोर्ट 4सी श्रेणी में काम कर रहा है। शुरुआती समय में पर्याप्त यात्री न होने के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारों ने वहां की उड़ानें बंद नहीं होने दीं। आज स्थिति यह है कि झारसुगुड़ा से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु सहित कई महानगरों के लिए प्रतिदिन सीधी उड़ान संचालित हो रही है। यहां तक कि भुवनेश्वर, लखनऊ और हैदराबाद के लिए भी उड़ानें रोजाना उपलब्ध हैं। वर्ष 2024-25 में यहां से 3.31 लाख यात्रियों ने यात्रा की।

इसके विपरीत बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट पर न तो बोइंग व एयरबस विमान उतर सकते हैं और न ही नियमित उड़ानों की संख्या पर्याप्त है। फिर भी यहां यात्रियों की संख्या लगातार बनी हुई है, जो 4सी अपग्रेड की मांग को और मजबूत करती है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का कहना है कि पिछले 25 वर्षों में राज्य विकास का केंद्र रायपुर और उसके आसपास ही रहा है। इसके चलते दूसरे क्षेत्रों में उपेक्षा की भावना बढ़ रही है, जो किसी भी राज्य के हित में नहीं है। समिति का कहना है कि बिलासपुर को उसका हक मिलना चाहिए, और इसके लिए 500 करोड़ रुपये की घोषणा कर रक्षा मंत्रालय के पास मौजूद जमीन को शीघ्र मुक्त कराया जाए, ताकि 4सी एयरपोर्ट का निर्माण बिना देरी शुरू किया जा सके।


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