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पहाड़ी चौक से रेलवे स्टेशन सडक़ चौड़ीकरण, प्रभावितों की सूची पीडब्ल्यूडी ने बनाई-जोन कमिश्नर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,17 नवंबर। गुढिय़ारी पहाड़ी चौक से रेलवे स्टेशन तक सडक़ चौड़ीकरण प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। निगम में चौड़ीकरण की राह में आने वाले 27 निर्माण को हटाने नोटिस जारी किया है। खास बात ये है कि चौड़ीकरण प्रस्ताव में एक ही तरफ के निर्माण को हटाने की योजना है, और दूसरी तरफ छोड़ दिया गया है। इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते प्रभावितों ने नगर निगम, और पीडब्ल्यूडी के अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है।
पीडब्ल्यूडी ने गुढिय़ारी पहाड़ी चौक से रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 7 तक सडक़ चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। यह पहाड़ी चौक से मंगलवारी बाजार, शुक्रवारी बाजार, और कालेश्वर महादेव मंदिर होते रेलवे स्टेशन जाता है। करीब 1 किमी की सडक़ को 70 फीट चौड़ा करने की योजना है। यह कहा गया कि चौड़ीकरण के बाद यातायात जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। मगर इस योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बताया गया कि चौड़ीकरण के मार्ग के निर्माण को हटाने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। नियमानुसार सडक़ के बीच चौड़ीकरण के लिए दोनों तरफ से निर्माण को हटाया जाना चाहिए। मगर विभाग ने सडक़ के एक तरफ के निर्माण को हटाने का प्रस्ताव तैयार किया है, और 27 मकान-दुकान के 50 प्रभावितों को नोटिस भेज दिया है। दूसरे हिस्से को पूरी तरह छोड़ दिया है। नोटिस मिलने के बाद प्रभावितों में काफी गुस्सा है। पूर्व पार्षद दीनानाथ शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मंत्री राजेश मूणत से मुलाकात कर हस्तक्षेप का आग्रह किया था। मगर इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। खास बात यह है कि दीनानाथ शर्मा का मकान भी चौड़ीकरण की राह में आ गया है।
प्रभावितों ने इस पूरी कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण और अन्याय करार दिया है। इस पूरे मामले में नगर निगम के जोन कमिश्नर आरके डोंगरे ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि नगर निगम ने सिर्फ नोटिस जारी किया है। नोटिस किसे देना है, यह फैसला पीडब्ल्यूडी का है। पीडब्ल्यूडी ने प्रभावितों की सूची भेजी है, और उसी अनुरूप कार्रवाई की गई है। इस पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग ने चुप्पी साध रखी है। यह कहा जा रहा है कि सडक़ के दूसरे हिस्से पर रहने वाले भाजपा के प्रभावशाली लोग हैं। यही वजह है कि उनके हिस्से को छोड़ दिया गया है। हालांकि पूर्व पार्षद और भाजपा नेता दीनानाथ शर्मा, प्रभावितों के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं, और इस कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं।
प्रभावितों में से एक शेख ईस्माइल ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि पीडब्ल्यूडी और नगर निगम का सडक़ चौड़ीकरण प्रस्ताव भेदभावपूर्ण और अन्याय है। उन्होंने बताया कि 50 लोग नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के खिलाफ प्रभावितों की तरफ से नगर निगम और पीडब्ल्यूडी अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर विचार चल रहा है। बहरहाल, आने वाले दिनों में मामला और तूल पकड़ सकता है।


